भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने शिवसेना (Shiv Sena) पर तंज कसा है. शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर के जरिये शिवसेना पर निशाना साधा. शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि आधी छोड़ पूरी को धावे आधी मिले न पूरी पावे. 


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दरअसल, महाराष्ट्र (Maharashtra)  में शिवसेना ने अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का साथ छोड़कर एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन लेकर सरकार बनाने का राजनीतिक खेल खेला था. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन हुआ था. चुनाव में बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. 


हालांकि, शिवराज सिंह चौहान ने इस पोस्ट में किसी ओर इशारा नहीं किया है, लेकिन इसे महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीतिक स्थिति से जोड़कर देखा जा रहा है. शिवराज ने लिखा कि आधी छोड़ पूरी को धावे आधी मिले न पूरी पावे. बता दें कि इस सूक्ति का अर्थ होता है कि जो कुछ अपने पास है, उसी में संतोष करना चाहिए. लालच करने से जो कुछ पास है, उससे भी हाथ धोना पड़ता है. दरअसल, महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे आने के बाद कुछ ऐसा ही शिवसेना ने किया है. इसी के चलते शिवराज की इन लाइनों को महाराष्ट्र की राजनीति से जोड़ा जा रहा है. 


गौरतलब है कि नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना लगातार बीजेपी पर 50-50 का फॉर्मूला अपनाने का दबाव बना रही थी. वहीं, बीजेपी की ओर से इस बात का खंडन किया गया कि चुनाव पूर्व किए गए गठबंधन में 50-50 फॉर्मूले की कोई बात ही नहीं हुई थी. सबसे पड़ी पार्टी होने के चलते बीजेपी को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी सरकार बनाने के लिए निमंत्रण दिया था. वहीं, शिवसेना से बढ़ी दूरी के चलते बीजेपी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने से मना कर दिया. इसके बाद राज्यपाल कोश्यारी ने नंबर दो पार्टी शिवसेना (Shiv Sena) को यह मौका दिया. 


बस यही वो पल था, जब शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस का दामन थामने की कोशिश की. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) खुद एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मिलने पहुंचे. वहीं, शिवसेना ने एनडीए से बाहर निकलने का रास्ता भी चुन लिया. शिवसेना (Shiv Sena) नेता अरविंद सावंत ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, इस इस्तीफे के बाद लगा कि शिवसेना (Shiv Sena) सरकार बनाने का जुगाड़ कर चुकी है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हुआ.


कांग्रेस (Congress) की ओर से शिवसेना को समर्थन देने पर सहमति आखिर तक नहीं बन पाई. हालांकि, महाराष्ट्र के ताजा राजानीतिक हालातों की बात करें तो, अभी भी एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के बीच बातचीत जारी है. सरकार बनाने को लेकर इन तीनों ही पार्टियों ने कवायद शुरू कर दी है. खबर है कि राज्य में सरकार गठन को लेकर तीनों ही राजनीतिक दलों के पांच-पांच सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया है, जो इस गठबंधन सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को फाइनल करेगी.