सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले के बाणसागर नहर में 16 फरवरी को बस पलटने से डूबे 60 लोगों में 52 का शव अब तक बरामद किया जा चुका है. जबकि 2 लोग अभी भी लापता हैं.  जिनकी तलाश के लिए NDRF, SDRF और होमगार्ड की टीम लगातार सर्चिंग कर रही है. इसके लिए बाणसागर के छुहिया पहाड़ में बनी करीब 4 किलोमीटर लंबी टनल के अंदर बोट में ऑक्सीजन सिलेंडर के जरिए भी सर्चिंग की जा रही है. वहीं, आज सर्चिंग के लिए सेना को भी बुला लिया गया है. 


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वहीं, तीनों परिवारों के आंसू अब भी नहीं थम रहे. परिवार वाले बच्चों की तलाश में सीधी से रीवा जिले पहुंच गए, पर इंतजार खत्म नहीं हो रहा. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी गुरुवार को रीवा में तीनों पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी. रोते-बिलखते परिजनों ने सीएम से कहा, 'हमारे बच्चों को ढुंढवा दीजिए. अब हम लोगों से इंतजार नहीं होता.


जिसके बाद बाद युवकों की तलाश के लिए सेना के जवान बुलाए गए. जबलपुर से सेना के भी अधिकारी पहुंचे थे. एनडीआरएफ और सीधी एसडीआरएफ की टीम ने चार किमी लंबी छुहिया घाटी की टनल में सर्चिंग की. इसके लिए टीम ने ऑक्सीजन सिलेंडर, हेडलाइट की मदद से टनल में तलाशी अभियान भी चलाया लेकिन, दिनभर की खोजबीन के बाद भी तीनों युवकों का कुछ अता-पता नहीं चला.


आपको बता दें कि बस करीब 60 यात्रियों को लेकर सीधी से सतना के लिए जा रही थी. जानकारी के मुताबिक बस में कई छात्र भी सवार थे, जो आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा देने जा रहे थे. मुख्य हाइवे पर जाम होने की वजह से परीक्षा सेंटर पर छात्रों को पहुंचने में देर हो जाती, इसलिए ड्रॉइवर दूसरे रास्ते से बस लेकर जा रहा था. इसी दौरान बस बाणसागर नहर में गिर गई. हालांकि 7 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था.


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इस हादसे ने बस से यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है. बताया जाता है कि जो बस हादसे की शिकार हुई है, उसमें 32 लोगों की जगह नियमों को ताक पर रखकर करीब 60 लोगों को बैठाया गया था. 


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