पिता हैं हेड कांस्टेबल बेटे ने कर दिया बड़ा कमाल, अब सिंगापुर से आया बुलावा...
धार जिले के राजगढ़ में हेड कांस्टेबल जगदीश परिहार के बड़े बेटे कुणाल को सिंगापुर से बुलावा आया है. कुणाल का चयन कार बनाने वाली एक कंपनी में हुआ है, पढ़िए पूरी खबर..
धार: धार के कुणाल परिहार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. कुणाल का उस कंपनी में चयन हुआ है, जो बिना ड्राइवर से चलने वाली कार बना रही है. कुणाल साफ्टवेयर इंजीनियर हैं. कपनी में जॉब के लिए कुणाल ने ऑनलाइन अप्लाई किया था.
90 में से सिर्फ दो का चयन
तीन राउंड के इंटरव्यू के बाद 90 लोगों में से सिर्फ दो लोगों का चयन इस कंपनी के लिए हुआ है, जिनमें कुणाल परिहार का नाम भी शामिल है. बेटे की इस उपलब्लि पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. कुणाल की इस उपलब्धि के पीछे उसकी रोज 15 घंटे की पढ़ाई है.
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किस कंपनी में हुआ चयन
सिंगापुर की एक कपंनी बिना ड्राइवर से चलने वाली कार बना रही है. यह कार जीपीएस सिस्टम से चलेगी. बिना ड्राइवर से चलने वाली कार की लोकेशन कहां है यह भी एक क्लिक पर पता चल जाएगा. साथ ही इसका डायरेक्शन भी पता लगता है कि दाएं हाथ पर जाना है बाएं हाथ पर. अब कुणाल भी इस कंपनी से जुड़ गए हैं.
11वीं में ही सोच लिया था, सॉफ्टवेयर इंजीनिर बनेंगे
राजगढ़ थाने के हेड कांस्टेबल जगदीश परिहार के बड़े बेटे कुणाल परिहार ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा धार जिले के बाग से की थी. 11 वीं में सोचा था कि मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनूंगा. हायर सेकंडरी स्कूल बाग से ही 2015 में 12वीं पास की.
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पहले ही तय कर लिया था टारगेट
इसके बाद कुणाल ने आईआईटी जेईई की परीक्षा के लिए जम्मू कॉलेज में प्रवेश लिया. जहां 4 साल तक रह कर पढ़ाई की. इस दौरान समर इंटर्नशिप के लिए सिंगापुर गए. उन्होंने ग्रेजुएशन के पहले ही सिंगापुर की कार बनाने वाली कंपनी को नौकरी के लिए चयनित किया था.
रोजाना 2 घंटे खेलकूद, 15 घंटे पढ़ाई की
कुणाल ने बताया कि उनके पिता बहुत स्ट्रिक्ट हैं. पुलिस की नौकरी करते हैं. घर में ना तो मोबाइल था और ना ही टीवी. अनुशासन के साथ पढ़ाई करना पड़ती थी. 24 घंटे में से 15 घंटे पढ़ाई को दिया. महज 2 घंटे खेलकूद को भी दिया.
पिता हैं हेड कांस्टेबल
कुणाल के पिता जगदीश परिहार 1989 पुलिस विभाग में सेवा दे रहे हैं. कुणाल का छोटा भाई अंकित परिहार यूपीएससी सिविल सर्विस के लिए पढ़ाई कर रहा है. बहन की शादी हो गई है.
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