अपने ही पुलिसकर्मियों को SP ने करवाया गिरफ्तार, विभाग में मचा हड़कंप, जानिए क्या है वजह
नीमच जिले के जावद थाने में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ जिस थाने में वह पदस्थ थे, वहीं मामला दर्ज किया गया है. क्योंकि दोनों आरक्षकों ने एक व्यक्ति को अफीम तस्करी के झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की थी.
नीमचः नीमच जिले में दो पुलिसकर्मियों पर गंभीर मामलों में प्रकरण दर्ज हुए हैं. दोनों पर फरियादी आशुसिंह को एनडीपीएस (NDPS) एक्ट में फंसाने की धमकी देकर रात भर कमरें में बंद कर मार-पीट करने और रुपयों की अवैध मांग करने का आरोप था. इस पूरे मामले में जांच के बाद नीमच पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा के निर्देश पर दोनों पर सख्त कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया गया है.
अफीम तस्करी के झूठे मामले में फंसाने पर एसपी ने की कार्रवाई
दरअसल, राजस्थान के नागौर जिला निवासी आशुसिंह सिंह राजपूत ने एसपी सूरज कुमार वर्मा को लिखित शिकायत करते हुए आवेदन दिया था. जिसमें उन्होंने बताया कि जावद थाने में पदस्थ आरक्षक महेंद्र सिंह झाला और आरक्षक अनवर खान ने अपने दो अन्य साथियों के साथ उन्हें उठाया और जावद थाना क्षेत्र के खोर कस्बे में किसी स्थान पर एक कमरे में रात भर मार-पीट की. दोनों पुलिसकर्मियों ने उसे अफीम प्रकरण में झूठा फंसाने की धमकी देकर अवैध रूप से 5 लाख रुपये की मांग की. पैसे नहीं देने पर देख लेने की धमकी दी.
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फरियादी की शिकायत को एसपी ने गंभीरता से लेते हुए दोनों आरक्षकों को प्राथमिक रूप से दोषी मानते हुए उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिये. जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर मामले की जांच की जा रही है. बताया जा रहा है यह पूरा षडयंत्र आरक्षकों ने यह अवैध वसूली के लिए किया था.
एसपी की कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप
एसपी सूरज कुमार वर्मा की इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में भी हड़कंप मचा है, क्योंकि पहली बार जिले में पुलिस के किसी शीर्ष अधिकारी ने जांच के बाद अपने ही मातहतों पर इतनी कड़ी कार्रवाई की है. क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है जब आरक्षकों के खिलाफ उसी थाने में शिकायत रिपोर्ट दर्ज की गयी है जहां वे पदस्थ थे.
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पहले भी आ चुके हैं इस तरह के मामले
पिछले दिनों नीमच जिले के व्यवसायी अक्षय गोयल का हाई प्रोफाईल मामला भी प्रदेश स्तर पर चर्चित हुआ था. जिसमें गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले में संज्ञान लेते हुए नीमच पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की थी. जिसके बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय का जिले से तबादला कर दिया गया था. वही जावद विधायक व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने भी जिले में पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ मिल रही भ्रष्टाचार के मामलों पर नाराजगी जताकर कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये थे. उन्होंने पुलिस कर्मियों के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार पर दागी पुलिस कर्मियों को अपने विधानसभा क्षेत्र से हटाने के लिये एक पत्र भी कलेक्टर को लिखा था.
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अक्षय गोयल मामले में चल रही सिर्फ जांच
इसी तरह की घटना में पिछले दिनों जावद पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर और 3 अन्य आरक्षकों को निलंबित किया गया था. इनके द्वारा नीमच के एक प्रतिष्ठित व्यापारी अक्षय गोयल को अफीम तस्करी के आरोप में उठाकर अनजान स्थान पर ले जाकर टॉर्चर किया गया था. बाद में पता चला कि अक्षय गोयल को एनडीपीएस के झूठे मामले में फंसाने का षडयंत्र रचा गया था, जिसमें एक सामुदायिक भवन के चौकीदार व उसके साथी की संलिप्तता पाई गई थी.
मामले में चौकीदार और उसके साथी पर तो प्रकरण दर्ज किया गया मगर आरोपी पुलिस कर्मियों को प्राथमिक जांच के आधार पर मात्र निलंबित कर खाना-पूर्ति कर दी गई थी. गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस कर्मियों के खिलाफ की जा रही जांच अब तक पूरी नहीं हुई है.
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