महाकाल के स्नान के लिए होगा विशेष दूध का इस्तेमाल, तीसरी आंख से रखी जाएगी नजर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक हुई, जिसमें मंदिर समिति के सदस्य सहित उज्जैन कलेक्टर ने अपनी अपनी बातें रखी.
मनोज जैन/उज्जैन: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक हुई, जिसमें मंदिर समिति के सदस्य सहित उज्जैन कलेक्टर ने अपनी अपनी बातें रखी. बैठक में निर्णय लिया गया कि आने वाले समय में शिवलिंग क्षरण को रोकने के लिए जो दूध भगवान महाकाल को चढ़ रहा है वह सांची दूध संघ से लिया जाएगा. साथ ही करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाली एक नई धर्मशाला का निर्माण भी जल्द किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महाकाल मंदिर के सामने से 500 मीटर तक अवैध निर्माण को हटाया जाएगा जिसके लिए कार्य अब गति पकड़ने वाला है.
महाकाल मंदिर के प्रशसाक आशीष सिंह ने बताया कि बैठक में फैसला लिया गया कि शिवलिंग को रगड़ने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा, सीसीटीवी के माध्यम से मॉनिटरिंग होगी. पंचामृत अभिषेक भी प्रतिबंधित रहेगा. वहीं यात्री सुविधाओं के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया. जिसंमे एक बड़ी सुसज्जित धर्मशाला का निर्माण होगा इसके जेके सीमेंट ने मंदिर समिति को 3,50 करोड़ रुपए दान किए हैं. महाकाल मंदिर के सामने से 500 मीटर के दायरे में हुए अवैध निर्माण को जल्द ही हटाया जाएगा.
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प्रशसाक आशीष सिंह ने बताया कि रुद्रसागर और कोटि तीर्थ को मिलाकर एक नया प्रोजेक्ट ला रहे हैं. रुद्रसागर और महाकाल के कोटि तीर्थ पर नई योजना तैयार की गई, जिसमें रुद्र सागर को साफ रखने के लिए शिप्रा नदी का पानी रुद्र सागर तक लाया जाएगा.
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