नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गत 14 दिनों से प्रदेशभर की नर्सें हड़ताल पर थीं. जिसके बाद प्रदेश में बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए राज्य सरकार ने नर्सों के हड़ताल पर रोक लगाने के लिए करीब तीन दिन पहले एस्मा लगा दिया था. लेकिन, इसके बाद भी नर्सें अपनी मांगों पर अड़ी रहीं और हड़ताल रोकने से मना कर दिया. जिसके बाद मजबूरन सरकार ने पुलिस को नर्सों को गिरफ्तार करने के निर्देश दे दिए. मौके पर पहुंचे भारी पुलिस बल ने राम मंदिर के पास नर्सों की गिरफ्तारी की गई. बता दें कि गिरफ्तारी के पहले ही पुलिस ने इलाके में धारा 144 लागू कर रखी थी. जिसके बाद इलाके में किसी भी तरह के जुलूस और धरने पर प्रतिबंध है. कार्यवाही के दौरान पुलिस ने करीब 500 हड़ताली नर्सों को गिरफ्तार करने की बात कही है. वहीं नर्सों का कहना है कि उनकी मांगें जायज हैं. वे अपने हक के लिए लड़ रही हैं इसलिए वह छिपकर चोरों की तरह भागने वालों में से नहीं हैं.


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वेतन वृद्धि की मांग के चलते आंदोलन
बता दें कि छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों की करीब 3 हजार नर्सें वेतन में वृद्धि की मांग के चलते अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी थीं. जिसके चलते प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था काफी बिगड़ रही थी. यही नहीं हड़ताल के चलते अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी काफी समस्याएं झेलनी पड़ रही है. हालांकि नर्सों का कहना है कि उन्होंने 2 माह पहले ही सरकार को इसकी लिखित सूचना दी थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और न ही उनकी वेतन में इजाफा किया गया. जिसके चलते नर्सों ने हड़ताल कर अपनी मांग जाहिर करने का फैसला लिया.


धरना स्थल पर नोटिस चस्पा करवाया था
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने बीते गुरुवार को धरना स्थल पर धरना प्रदर्शन रोकने और कार्यवाई संबंधित नोटिस चस्पा करवाया था. लेकिन, बावजूद इसके नर्सों ने धरना प्रदर्शन रोकने से इंकार कर दिया. जिसके चलते आज सुबह से ही नर्सों की गिरफ्तारी शुरू कर दी गई. सरकार ने 28 मई की रात नर्सों की हड़ताल पर रोक लगाने के लिए एस्मा लगा दिया था और नर्सों को काम पर वापस लौटने के लिए कहा गया था. लेकिन नर्सों के काम पर न लौटने से परेशान सीएमएचओ ने नर्सों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. जिसके बाद नर्सों की गिरफ्तारी शुरू की गई.