प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और छात्रों को SC ने दी बड़ी राहत, MP सरकार के इस नियम को बताया अवैधानिक
मध्य प्रदेश सरकार के नियम के मुताबिक 3 राउंड की काउंसलिंग के बाद बची सीटों पर निजी मेडिकल कॉलेज छात्रों को प्रवेश नहीं दे पाते थे. इस नियम के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की गई थी.
इंदौरः सुप्रीम कोर्ट से निजी मेडिकल कॉलेजों और छात्रों को बड़ी राहत मिली है. अब निजी मेडिकल कॉलेज तीन राउंड की काउंसलिंग के बाद बची सीटों पर छात्रों को प्रवेश दे सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार के नियमों को अवैधानिक करार देते हुए निजी मेडिकल कॉलेजों में खाली सीटों को 7 दिन में भरने के निर्देश दिए हैं.
क्या था मध्य प्रदेश सरकार के नियम, जिसके कारण खाली रह जाती थीं सीटें?
मध्य प्रदेश सरकार के नियम के मुताबिक 3 राउंड की काउंसलिंग के बाद बची सीटों पर निजी मेडिकल कॉलेज छात्रों को प्रवेश नहीं दे पाते थे. इस नियम के खिलाफ राज्य के निजी मेडिकल कॉलेज संचालकों की ओर से इंदौर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी. हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए निजी मेडिकल कॉलेजों को राज्य सरकार के नियमों से ढील देने से इनकार कर दिया था. इस फैसले के लिए विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के इस नियम को अवैधानिक करार दिया है.
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जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस इंदिरा बैनर्जी की खंडपीठ ने दिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस इंदिरा बैनर्जी की खंडपीठ ने अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता की ओर से दायर एसएलपी पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के नियम को अवैधानिक करार दिया है. इस नियम के चलते तीसरे राउंड की काउंसलिंग के बाद प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में बची सीटें 2 साल से ब्लॉक हो रही थीं. मध्य प्रदेश सरकार ने 2018 में निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली कांउसलिंग के संबंध में ये नियम जारी किए थे.
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अब सरकार को सीटें भरने के लिए स्पेशल काउंसलिंग करानी पड़ेगी
नियम के अनुसार 3 राउंड की काउंसलिंग के बाद भी अगर किसी कॉलेज में सीटें रिक्त रह जाती थीं तो उन्हें ब्लॉक कर खाली छोड़ दिया जाता था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जब सीट हैं, दावेदार कतार में हैं तो भरे जाने की अनुमति मिलनी चाहिए. फैसले के बाद अब सरकार को प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में रिक्त सीटों को भरने के लिए विशेष काउंसलिंग करानी होगी. काउंसलिंग में एक सीट पर 10 दावेदार की व्यवस्था रखी जा सकती है. मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलेगा.
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अगले सेशन से प्राइवेट मेडिकल कॉलेज खुद भर सकेंगे सीटें
शीर्ष अदालत ने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के नियम ही बदल दिए हैं. अब अगले साल से निजी मेडिकल कॉलेज अपने स्तर पर ही काउंसलिंग कर सीटें भर सकेंगे. उन्हें सरकार की इजाजत की जरूरत नहीं पड़ेगी. इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर के ज्यादातर प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 3 राउंड की काउंसलिंग के बाद भी एमबीबीएस की दो से तीन सीटें खाली रह गई हैं. राज्य सरकार के नियम से कॉलेज संचालकों के अलावा छात्रों को भी परेशानी हो रही थी.
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