इंदौरः साल 2015 में पाकिस्तान से भारत लौटी मूक बधिर गीता को आज भी अपने माता.पिता की खोज है.अब तक कई परिवार गीता को अपनी खोई बेटी बताते हुए उस पर अपना दावा कर चुके हैं. लेकिन गीता को अब तक उसके असली माता.पिता मिल नहीं पाए हैं. इंदौर की एक सामाजिक संस्था बीते दिनों गीता के माता पिता को ढूंढने के लिए उसे महाराष्ट्र और तेलंगाना लेकर गई थी.  शुक्रवार तेलंगाना से इंदौर आए एक परिवार ने दावा किया है कि गीता उनकी बेटी है.


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तेलंगाना के परिवार को गीता नहीं पहचान पा रही है
इंदौर डीआईजी ऑफिस में गीता के सामने उसे अपनी बेटी बता रहे परिवार को पेश किया गया. बातचीत में गीता ने परिजनों को पहचानने से इनकार कर दिया. अब तेलंगाना से आया परिवार गीता के साथ अपना संबंध साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट की मांग कर रहा है. डीएनए टेस्ट तभी होगा जब गीता की सहमति होगी.


गीता ने इशारों में दिए थे अपने मूल निवास के बारे में संकेत
इंदौर में एक सामाजिक संगठन के संचालक और सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने पिछले माह बताया था कि इशारों में गीता से कई दौर की बातचीत के दौरान उन्हें उसके मूल निवास स्थान के बारे में कुछ अहम संकेत मिले थे. ये संकेत महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले और इससे सटे तेलंगाना की ओर इशारा करते हैं. ज्ञानेंद्र पुरोहित अब गीता को लेकर महाराष्ट्र के नांदेड़ और तेलंगाना के कुछ इलाकों में गए हैं ताकि 2 दशक पहले बिछड़े  उसके परिवार को खोजा जा सके.


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अब तक 24 परिवार गीता को अपनी बेटी बता चुके हैं
गीता को 2015 में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मदद से पाकिस्तान से भारत लाया गया था. इसके बाद गीता को इंदौर में रखा गया. तब से वह यहीं पर रह रही है. बीते 5 साल में देशभर के कई दंपति ने गीता के माता पिता होने का दावा किया है. अब तक 24 परिवार गीता को अपनी बेटी बता चुके हैं. लेकिन उनमें से किसी का डीएनए मैच नहीं होने के कारण 27 साल की गीता को अपने परिवार की तलाश है. अब तेलंगाना के एक परिवार ने गीता को अपनी बेटी बताया है.


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