रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक तरफ कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ सूबे में पीलिया (जॉ​न्डिस) ने भी पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. राजधानी में पीलिया पीड़ितों का आंकड़ा बढ़कर  652 पहुंच गया है. इनमें से 172 मरीजों का अस्पताल में इलाज हो चुका है. जबकि कई मरीज अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्वास्थ्य विभाग ने सक्रियता बरतते हुए संभागीय संयुक्त संचालक रायपुर को पीलिया नियंत्रण अभियान का प्रभारी नियुक्त किया है. उन्होंने स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर गंभीर मरीजों को अस्पताल भेजने का काम शुरू कर दिया है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे आसपास साफ-सफाई रखें और बासी खाने का सेवन ना करें.


आपको बता दें कि राजधानी रायपुर में कुछ दिनों पहले ही 552 लोगों में पीलिया के लक्षणों की पुष्टि हुई थी. इन सभी लोगों में बिलीरुबिन (नॉड्स में पित्त) की मात्रा सामान्य से ज्यादा पाई गई थी. बिलीरुबिन बढ़ने से आंख, नाखूनों, त्वचा आदि पीले दिखने लगते हैं.


17 कॉम्बैट टीमों का गठन
रायपुर में पीलिया के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने 17 कॉम्बैट टीमों का गठन किया है. ये टीमें रायपुर के उन इलाकों से जाकर परीक्षण कर रही है जहां लोगों में पीलिया के लक्षण मिल रहे हैं.


ये भी पढ़ें: लोगों की मदद के लिए छत्तीसगढ़ ने चलाया 'डोनेशन ऑन व्हील अभियान'


कई इलाकों में पानी में मिले बैक्टीरिया
नेहरू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने रायपुर शहर के 58 अलग-अलग जगहों से पानी के सैंपल लिए. इनमें से 32 जगहों के पानी में ई-कोलाई, क्लेबसिएला और स्यूडोमोनास बैक्टीरिया मिले हैं. फिलहाल शहर के आमापारा, मंगलबाज़ार, डीडी नगर, महामाया पारा, मंगल बाजार, वासुदेव पारा, चांगोराभाठा, दलदल सिवनी, मोवा, टाटीबंध, अटारी, महामाया पारा, चूड़ामणि, उरकुरा, उरला समेत बीरगांव में पीलिया (जॉ​न्डिस) के मरीज मिले हैं.


watch live tv: