ग्वालियर: कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर राज्य सरकारें सख्त हो गई हैं और बिना फेस मास्क बाहर घूमने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही हैं. बीते रविवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में बिना फेस मास्क घूमने वालों के खिलाफ पुलिस की एक अनोखी सख्ती देखने को मिली. यहां बिना फेस मास्क शहर में घूमते पाए गए 18 लोगों को पकड़कर रूप सिंह स्टेडियम में बने ओपेन जेल में लाया गया और कोरोना पर निबंध लिखवाया गया.


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आपको बता दें कि ZEE MPCG ने राज्य में रोको टोको अभियान की शुरुआत की है. इसमें फेस मास्क न पहनने वाले लोगों को ऐसा नहीं करने के लिए टोका जाता है. उन्हें कोरोना को लेकर जागरूक किया जाता है. ग्वालियर जिला प्रशासन की तरफ से मास्क नहीं लगाने वालों पर कार्रवाई भी रोको-टोको अभियान के तहत की गई. 


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इस दौरान बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर बिना फेस मास्क घूमनों वालों को पुलिस रूप सिंह स्टेडियम लेकर गई और वहां बैठाकर कोरोना महामारी पर निबंध लिखवाया. मजेदार बात ये रही कि निबंध लिखने वालों में अधिकतर ने फेस मास्क को इस महामारी से बचाव के लिए जरूरी बताया. पुलिस ने इस सभी लोगों को आगे से फेस मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलने की हिदायत देकर छोड़ा.


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निबंध लिखने वाले कई लोगों ने अपनी कॉपी में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में लिखा. इस बीच निबंध में एक युवक ने मध्य प्रदेश में हुए उपचुनावों के दौरान राजनीतिक रैलियों को लेकर सवाल उठाया. युवक ने निबंध में लिखा कि उपचुनाव प्रचार के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया जा रहा था. तब कोरोना का डर नहीं था क्या? जब प्रदेश में सरकार बन गई तो कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा. इस युवक को पुलिस ने समझाया कि फेस मास्क पहनकर न सिर्फ वह खुद को संक्रमण से बचाएगा बल्कि परिवार और समाज को भी सुरक्षित रखेगा.


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