राजकिशोर सोनी/रायसेन: जिन बेटों को उसके पिता ने बड़े लाड़ प्यार से यह सोंच समझकर पाला हो कि वह आगे चलकर उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगा. वही बेटा उन्हें बुढ़ापे में दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर रहा हैं. एक कलयुगी बेटे और गरीब पिता का ऐसा ही केस रायसेन से सामने आया है. जहां 70 वर्षीय हाफिज मसूद की12 एकड़ जमीन और शहर में पक्का मकान होने के बावजूद उनके बेटे ने उन्हें कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया है. शुक्रवार सोशल मीडिया पर इस मामले के वायरल होने के बाद उनकी लड़की ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है.


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हाफिज के तीन बेटे है
हाफिज मसूद के तीन बेटे है. इनमें से एक बेटा नाज़ीर जो आज से लगभग 15 वर्ष पहले अजमेर से लापता हो गया था. दूसरा बेटा जावेद की भी लगभग 14 साल पहले किसी बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी. हाफिज मसूद के तीसरा बेटा जो भैया के नाम से मशहूर है उसने हाफिज मसूद को घर से बेघर कर दिया.



नहीं रहना बेटे के साथ
अस्पताल में भर्ती हाफिज मसूद का कहना हैं कि लड़के की हरकतों की वजह से परेशान है. जमीन मकान सब है, लेकिन लड़का पत्नी उन्हें घर में नहीं रख रहे है बल्कि अलग रहने का कह रहे है. आखिर में उन्होंने कहा कि अब तो अच्छी जिंदगी मिल जाए या मौत,लेकिन घर नहीं जाना चाहता.


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बेटे ने रखने से किया इनकार
आज हाफिज मसूद कड़कड़ाती सर्दी में सोने को मजबूर है. हाफिज मसूद की हालत बहुत ही नाज़ुक मोड़ पर आ चुकी है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि हम लोग उनके बेटे के पास गए तो उसने अपने पिता हाफिज मसूद को साथ रखने से साफ साफ मना कर दिया है. 


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