Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंत्री-विधायकों के नए बंगलों के लिए काटे जा रहे 29 हजार पेड़ अब नहीं कटेंगे. नगरीय प्रशासन मंत्री विजयवर्गीय ने सोमवार को X पर बताया, 'नए भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण एवं क्षेत्र में विद्यमान वृक्षों को देखते हुए प्रस्तुत प्रस्ताव को विचार के अस्वीकृत कर अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिये गये है. नवीन प्रस्ताव हेतु प्रारंभिक स्तर पर भी नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों से विचार विमर्श भी किया जाएगा.'


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राजधानी के तुलसी नगर-शिवाजी नगर इलाके में मंत्री-विधायकों के बंगलों के लिए 29 हजार से ज्यादा पेड़ काटने का प्रस्ताव था. इस प्रोजेक्ट का भोपाल के रहवासी और समाजिक संस्थाएं विरोध कर रही थीं. विरोध में कांग्रेस ने कहा था कि मंत्री और विधायकों के लिए शहर में पर्याप्त बंगले हैं. उनका री-डेवलपमेंट किया जाना चाहिए. शिवाजी नगर में हजारों लोगों को बेघर किया जा रहा है. भले ही जेल जाना पड़े ये नहीं होने देंगे. कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की तैयारी की थी. 



 


क्या है पूरा मामला
तुलसी नगर और शिवाजी नगर की 297 एकड़ जमीन पर 2378 करोड़ का प्रोजेक्ट लाया गया था. यहां पहले 2,267 सरकारी मकानों को तोड़ा जाएगा. इसके बाद मंत्री और विधायकों के लिए बंगले बनाए जाएंगे.  मंत्रियों के लिए 30 बंगले और विधायकों के लिए फ्लैट बनने थे. 3480 हजार सरकारी अफसरों के लिए बंगले और मकान भी बनाए जाएंगे. इसी प्रोजेक्ट के लिए करीब 29 हजार पेड़ काटे जाने थे, जिसका पिछले कुछ दिनों से भारी विरोध हो रहा था. 


लोगों ने की थी एनजीटी जाने की तैयारी
भोपाल के रहवासी पिछले 6 दिन से पेड़ काटने का विरोध कर रहे थे. लोगों ने कहा था कि अगर पेड़ काटने की शुरुआत हुई तो एनजीटी जाएंगे. याचिका तैयार कर ली गी थी. जनता के प्रदर्शन में भाजपा विधायक भगवान दास सबनानी भी शामिल हुए थे. उनका कहना है कि पेड़ लगाए जाएंगे, काटे नहीं जाएंगे. कांग्रेस नेताओं का कहना था कि सरकार मंत्री विधायकों के बंगले बनाकर हरियाली को नष्ट करना चाहती है, जो हम नहीं होने देंगे. लगातार प्रदर्शन करेंगे.