ऐसा देश है मेरा ! जब बॉर्डर से लौटा फौजी तो गांव वालों ने स्वागत में बिछा दीं अपनी हथेलियां
फौजी के पिता लालसिंह का कहना हैं कि आज जो स्वागत उनके बेटे का हुआ है उसे देख कर उनका सीना चौड़ा हो गया है.
नीमच: मध्य प्रदेश के नीमच जिले में देशभक्ति में एक अनोखा नजारा देखने तब मिला जब एक फौजी 17 साल बाद रिटायरमेंट लेकर वापस आया. फौजी जब गांव पहुंचा तो ग्रामीणों ने उसका अनोखा स्वागत किया. लोगों ने फौजी की अगवानी में अपनी हथेलियों बिछा दीं. गांव वालों का इतना प्रेम देखकर फौजी विजय बहादुर सिंह भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि ऐसे गांव में पैदा होने पर मुझे गर्व है.
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जीरन गांव से 60 लोग फौज में नौकरी कर रहे हैं
आपको बता दें कि नीमच जिले के जीरन गांव से 60 लोग फौज में नौकरी कर रहे हैं. इन्हीं में एक फौजी विजय बहादुर सिंह भारतीय सेना में रहकर 17 साल देश सेवा करने के बाद रिटायर होकर 3 फरवरी को अपने गांव पहुंचे थे. गांव के लोग अपनी हथेलियों जमीन पर बिछाकर फौजी के पांव रखवाए और इसी तरह गांव के प्राचीन गणेश मंदिर दर्शन कराने ले गए.
फौजी विजय बहादुर बोले- मिल गया सबसे बड़ा सम्मान
रिटायर्ड फौजी विजय बहादुर का कहना है कि सेना में रहते हुए देश के अलग.अलग राज्यों में उनकी तैनाती हुई. आज जब वह सेना की से रिटायर होकर अपने गांव पहुंचे तो लोगों ने उन्हें अपनी हथेलियों पर चला कर जो सम्मान दिया, उससे बड़ा उनके लिए कुछ नहीं हो सकता. विजय बहादुर चाहते हैं कि रिटायर होने के बाद अब वह अपने गांव के उन युवाओं को प्रशिक्षण देंगे जो फौज में जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अब आगे से गांव का कोई भी फौजी सेना से रिटायर होकर आएगा तो उसका स्वागत ऐसे ही किया जाएगा.
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फौजी के पिता बोले- गर्व से चौड़ा हो गया मेरा सीना
फौजी के पिता लालसिंह का कहना हैं कि आज जो स्वागत उनके बेटे का हुआ है उसे देख कर उनका सीना चौड़ा हो गया हैण् वह चाहते हैं कि गांव के ज्यादा से ज्यादा युवा फौज में भर्ती हों. आपको बता दें कि फौजी विजय बहादुर सिंह ने 17 साल 26 दिन की सेना में अपनी नौकरी के दौरान कारगिल, सियाचिन ग्लेशियर, बटालिक, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, जयपुर व शिमला में सेवा दी. अब उनकी दिली तमन्ना है कि वह गांव के युवाओं को फौज में भर्ती होने के लिए प्रारंभिक ट्रेनिंग देंगे.
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