नई दिल्लीः पेठा, भूरा कुम्हाड़ा और इंग्लिश में Ash Gourd, हम इस सब्जी को कई नामों से जानते हैं. यह आपको एक आम सब्जी लग सकती है लेकिन इसके फायदे आपको हैरान कर सकते हैं. आयुर्वेद में तो इसे ब्रेन टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसका सेवन दिमाग को गजब का फायदा पहुंचा सकता है. साथ ही पित्त और वात को भी शांत करता है. 


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बढ़ाता है मेमोरी
आयुर्वेद के अनुसार, पेठे के सेवन से याददाश्त तेज होती है और यह दिमाग को शांत करता है, आराम देता है. इससे तनाव को कम करने में भी मदद मिलती है. साथ ही ब्लीडिंग डिसऑर्डर, गुर्दे की पथरी, पेशाब में जलन, डायबिटीज आदि बीमारियों में भी पेठे का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है. इससे पेट के अल्सर में भी फायदा होता है और पाचन भी दुरुस्त होता है. इसके फायदों को देखते हुए हर साल 29 सितंबर को विश्व कुम्हड़ा दिवस मनाया जाता है. 


पुरुष ही काटते हैं!
देश के कुछ इलाकों में पेठे को बेहद सम्मान से देखा जाता है. छत्तीसगढ़ के इलाकों में तो खासकर बस्तर में पेठे को हर घर में बोया जाता है. यहां बहुत से घरों में दीवारों, छतों पर इनकी बेल दिखाई देगी. छत्तीसगढ़ में कुम्हड़ा को लेकर एक परंपरा चलती है, जिसके तहत घर की महिलाएं इसे नहीं काटती हैं. पहले घर के पुरुष इसके दो हिस्से करते हैं, उसके बाद ही महिलाएं इसे काटती हैं. 


दरअसल इन इलाकों में पेठे का इतना महत्व है कि इसे घर का बड़ा बेटा माना जाता है. यही वजह है कि महिलाएं अगर इसे काटती हैं तो माना जाता है कि महिलाओं ने बेटे की बलि दे दी है. इसलिए पुरुष ही पहले ही काटते हैं, उसके बाद ही घर की महिलाएं इसकी सब्जी बनाती हैं. 


(डिस्कलेमर- यहां बताई गई बातें विभिन्न लेखों और सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. जी मीडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है. कोई भी समस्या होने पर विशेषज्ञों की सलाह से ही काम करें.)