What is Satellite Phone: लोगों में इस बात को कन्फ्यूजन है कि आखिर ये सैटेलाइट होते क्या हैं? ये कैसे काम करते हैं और ये आम मोबाइल फोन से कैसे अलग होते हैं. अगर आप भी यह जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए काम का साबित हो सकता है. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.
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How Satellite Phone Work: ब्रिटेन की सरकार ने मंगलवार को भारत के लिए ट्रैबल एडवाइजरी अपडेट करते हुए ब्रिटिश नागरिकों को बिना लाइसेंस के भारत में सैटेलाइट फोन ले जाने या इस्तेमाल करने के खिलाफ चेतावनी दी है. ऐसे में लोगों में इस बात को कन्फ्यूजन है कि आखिर ये सैटेलाइट होते क्या हैं? ये कैसे काम करते हैं और ये आम मोबाइल फोन से कैसे अलग होते हैं. अगर आप भी यह जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए काम का साबित हो सकता है. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.
सैटेलाइट फोन क्या होता है?
सैटेलाइट फोन एक ऐसा फोन होता है जिसे कॉलिंग या इंटरनेट के लिए जमीन पर लगे मोबाइल टावर की जरूरत नहीं होती है. यह फोन सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट होता है. यह फोन उन क्षेत्रों में बहुत उपयोगी होता है जहां मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं होते हैं, जैसे कि दूरदराज के इलाके, समुद्र, या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान.
सैटेलाइट फोन कैसे काम करते हैं
सैटेलाइट फोन जमीन पर लगे टावर से सिग्नल नहीं लेते. इन्हें अंतरिक्ष में भेजे गए सैटेलाइट से सिग्ल मिलता है. सैटेलाइट जमीन पर लगे रिसीवर सेंटर को रेडियो सिग्नल भेजते हैं. फिर रिसीवर सेंटर इन सिग्नल को फोन को ट्रांसमिट करता है, जिसके बाद फोन के जरिए बात कर पाना संभव होता है. सैटेलाइट फोन में कॉल और मैसेजिंग की सुविधा होती है.
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मोबाइल फोन से कैसे अलग?
आमतौर पर हम जो स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं उसमें एक कंपनी का सिम कार्ड होता है, जिसे पास में टावर से सिग्नल मिलता है. जब आप किसी दूसरे एरिया में जाते हैं तो स्मार्टफोन को वहां के टावर से सिग्नल मिलता है. कभी-कभी पहाड़ों या दूर-दराज के इलाकों में फोन सिग्नल नहीं मिलता या सिग्नल मिलने में दिक्कत होती है. ऐसा उन इलाकों में मोबाइल सिग्नल न मिलने के कारण होता है. लेकिन, सैटेलाइट फोन में ऐसा नहीं होता. सैटेलाइट फोन को सिग्नल सीधे अंतरिक्ष में लगे सैटेलाइट से मिलता है. इसलिए इनमें सिग्नल की समस्या भी नहीं होती. जहां मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं होते हैं वहां यही फोन काम आते हैं.
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कौन कर सकता है इस्तेमाल
साथ ही सैटेलाइट को ट्रेस कर पाना भी मुश्किल होता है. जहां कॉल ट्रेस होने का खतरा होता है वहां सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया जाता है. खुफिया एजेंसियां बातचीत करने के लिए सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल करती है. भारत में आम नागरिकों के लिए सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल करने पर बैन लगा हुआ है. राष्ट्रीय सुरक्षा के चलते सरकार ने आम नागरिकों के लिए सैटेलाइट फोन को प्रतिबंधित किया है.