मटमैले पानी के लिए हैरान जिंदगानी, रात 3 बजे से कतार, 3 KM का रास्ता करना है पार
कई सालों से इस संकट को दूर करने के प्रयास में ग्रामीण, अफसर और नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन न किसी नेता से हल मिला और न ही किसी अफसर से. इस बार तो ग्रामीणों में इतना गुस्सा है कि उन्होंने पंचायत चुनाव को बहिष्कार करने का मन बना लिया है.
इरशाद हिंदुस्तानी/बैतूलः मध्य प्रदेश में लोगों को पीने का पानी मुहैया कराने के लिए वैसे तो सरकार जल जीवन मिशन चला रही हैं. लेकिन बैतूल जिले के ग्रामीणों को देखने के बाद कुछ और ही तस्वीर सामने आती है. जिले के कई इलाकों में आज भी ग्रामीण शुद्ध पानी के लिए जूझ रहे हैं. इसी समस्या को देखते हुए ग्रामीणों ने आने वाले पंचायत चुनाव का भी बहिष्कार करने का फैसला किया है.
तीन किमी चलने के बाद मिलता है मटमैला पानी
बैतूल के भैसदेही विकासखंड में आने वाला रॉक्सी गांव पिछले कुछ सालों से पीने के पानी के लिए तरस रहा है. गांव की महिलाओं को रात-रात भर जागकर तीन किलोमीटर दूर जाकर पीने का पानी लाना पड़ता है. इतना चलने के बाद भी उन्हें गंदा-बदबूदार और कीचड़ वाला पानी ही मिलता है. जिसे जानवर भी पीने से कतराते हैं.
पानी पीने से ग्रामीण हो रहे बीमार
जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर बसे रॉक्सी गांव में करीब 2500 लोग रहते हैं. यहां के हालात इतने खराब है महिला सशक्तिकरण वाले प्रदेश की महिलाओं को रात तीन बजे उठकर कुएं से पानी निकालने के लिए नम्बर लगाना पड़ता है. जहां उन्हें गंदा और मटमैला पानी मिलता है, जिसे छानकर पीने के बाद भी बच्चे, जवान और बुजुर्ग बीमार पड़ रहे हैं.
पंचायत चुनाव का बहिष्कार
कई सालों से इस संकट को दूर करने के प्रयास में ग्रामीण, अफसर और नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन न किसी नेता से हल मिला और न ही किसी अफसर से. इस बार तो ग्रामीणों में इतना गुस्सा है कि उन्होंने पंचायत चुनाव को बहिष्कार करने का मन बना लिया है. उन्होंने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि यहां पानी की टंकी और जल आपूर्ति की मांग को पूरा किया जाए. अफसरों से जब इस बारे में पूछा गया तो वे कहने लगे गांव में पानी की समस्या नहीं है. पंचायत के जरिये ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है. लेकिन गांव की तस्वीरों को देखकर कुछ और ही लग रहा है.
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