Emerging Chhattisgarh: भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में ग्रामीण विकास का जो मॉडल पेश किया है, उसे पूरी दुनिया में पहचान मिल रही है. खासकर भूपेश सरकार की गोधन न्याय योजना को जमकर तारीफ मिल रही है. हाल ही में वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम छत्तीसगढ़ में वन संरक्षण के लिए किए जा रहे कामों की तारीफ की. इसी साल जून में इंडोनेशिया में हुए एक एवीवीएन नामक अंतर्रराष्ट्रीय सम्मेलन में भी सीएम भूपेश बघेल को गोधन न्याय योजना पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया. 


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क्या है गोधन न्याय योजना
इस योजना के तहत पूरे छत्तीसगढ़ में गौठानों को स्थापित किया गया है. इस गौठानों में किसानों और ग्रामीणों से गोबर की खरीदी की जा रही है. सरकार 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीद रही है और 4 रुपए लीटर की दर से गोमूत्र की खरीदी कर रही है. खरीदे गए गोबर और गोमूत्र से सरकार महिला समूहों की मदद से वर्मी कंपोस्ट, दीए, अगरबत्ती, मूर्तियां व अन्य सामान का निर्माण कर बेच रही है. गोधन न्याय योजना के तहत सरकार अब तक 330 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों, महिला समूहों को कर चुकी है. महिला समूहों को ही इस योजना से 78 करोड़ रुपए का लाभ हो चुका है. 


पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ
बीते दिनों दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गोधन न्याय योजना की तारीफ की. पीएम ने कहा कि गोबर से तैयार वर्मी कंपोस्ट से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और केमिकल फ्री उत्पादन होगा. 


पूर्व आरबीआई गवर्नर ने भी योजना को सराहा
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी छत्तीसगढ़ की गोधन  न्याय योजना की तारीफ की. बीते दिनों उन्होंने छत्तीसगढ़ का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कई गौठानों का भी दौरा किया. जिसके बाद उन्होंने गोधन न्याय योजना को देश में सबसे अच्छा बॉटम अप अप्रोच बताया.