Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 7 और 17 नवंबर को मतदान होना है. उससे पहले प्रदेश के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singhdev) ने ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर ढाई-ढाई साल का कभी कोई फार्मूला नहीं रहा. परिस्थिति के अनुसार ही मुख्यमंत्री पद को लेकर हमेशा संगठन फैसला लेता है. इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान चुनाव में मुख्यमंत्री बघेल (Bhupesh Baghel) को ही कांग्रेस का पहला चहरा बताया है.


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टिकट कटने को लकेर कही ये बात 
वहीं इस विधानसभा चुनाव में 22 सिटिंग विधायकों के टिकट काटे जाने को लेकर टीएस सिंहदेव ने कहा कि पार्टी के द्वारा दर्जन भर सर्वे करवाए गए है. इसके बाद हुई बैठकों के बाद ही टिकट वितरण किया गया. कांग्रेस पार्टी के अंदर गुटबाजी के सवाल को लेकर उन्होंने कहा है कि पार्टी के अंदर किसी भी प्रकार की गुटबाजी नहीं है. उनके करीबी छनी साहू की भी पार्टी ने टिकट काटा और यह एक प्रक्रिया के तहत किया गया. बता दें की उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव बस्तर के दौर पर हैं. जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उक्त बयान उन्होंने दिया है.


सीएम पद के लिए संघर्ष गलत बात
वहीं मुख्यमंत्री बघेल से अनबन की खबरों के बारे में पूछे जाने पर सिंहदेव ने कहा कि हमारा ऐसा कोई मतभेद नहीं है. उपमुख्यमंत्री ने कहा ये पूरा मामला मीडिया में छाया हुआ था. ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद करने की बात की थी, इससे हम दोनों पर बहुत दबाव बना. मेरे कार्यकर्ता और सहयोगी मुझे फोन कर रहे थे. मैंने अपने समर्थकों से कहा कि ये फैसला आलाकमान का है. उनको ये फैसला लेना है. ऐसा कुछ भी नहीं, जिसके बारे में मुझे जानकारी हो.


संभवत: ये मेरा आखिरी चुनाव 
मीडिया रिपोर्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सिंहदेव ने कहा कि  संभवत: यह उनका आखिरी चुनाव है. उन्होंने कहा कि यह वह समय था, जब मैं सोच रहा था कि अगली पीढ़ी को आगे आना चाहिए, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं की दृढ़ राय थी कि इस बार नहीं. इसलिए उनकी सलाह, उनकी मांग और फैसले पर गौर किया और चुनाव लड़ने का फैसला किया. उन्होंने दावा किया कि अगर पार्टी को दो-तिहाई बहुमत नहीं मिला तो उन्हें निराशा होगी.


जानिए क्या था ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला?
दरअस छ्त्तीसगढ़ में साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद ही मुख्यमंत्री के के रूप में दो बड़े चेहरे सामने आये थे. जिसमें भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव थे. लेकिन बाजी बघेल ने मारी वहीं उस समय ऐसा कहा गया कि प्रदेश में ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला कांग्रेस लाएगी. यानी ढाई साल बघेल और ढाई साल टीएस सिंहदेव हालांकि ऐसा हुआ नहीं. जिसे लेकर खींचतान भी देखने को मिली. लगातार टीएस सिंहदेव के बयान भी सुर्खियों में रहे.


रिपोर्ट- अनूप अवस्थी