तिरुपति से गायब हुआ छत्तीसगढ़ का शिवम 16 दिन बाद ऐसे मिला, जानें अपहरण की इनसाइड स्टोरी
16 दिन पहले आंध्र प्रदेश के तिरुपति में शिवम साहू का अपहरण कर लिया गया था. जो पुलिस को मिल गया है. जानिए इस अपहरण की पूरी कहानी.
गरियाबंदः 27 फरवरी को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में रहने वाले एक 6 साल के लड़के का आंध्र प्रदेश के तिरुपति से अपहरण कर लिया गया था. जिसे 16 दिन बाद आंध्र प्रदेश पुलिस ने ढूंढ निकाला. शिवम साहू नाम का यह लड़का आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर में मिला है. जिसे पुलिस ने उसके परिजनों को सौंप दिया.
16 दिन पहले हुआ था अपहरण
दरअसल, गरियाबंद से 58 लोगों का एक समूह तिरुपति बालाजी भगवान के दर्शन करने के लिए निकला था. गरियाबंद के रहने वाले उत्तम साहू अपने लड़के शिवम साहू और पत्नी को लेकर तिरुपति गए थे. 27 फरवरी की रात उनकी बस तिरुपति पहुंची. सभी लोग बस स्टैंड पर खाना खा रहे थे. इसी बीच रात करीब 9 बजे उत्तम साहू का लड़का शिवम अचानक लापता हो गया. बच्चे को वहां नहीं देख परिजनों ने आसपास उसकी तलाश की, लेकिन शिवम का कुछ पता नहीं चला. जिसके बाद तिरुपति थाने में उसके लापता होने की एफआईआर दर्ज करवाई.
सीसीटीवी फुटेज में दिखा अपहरणकर्ता
इस घटना के बाद गायब हुए बच्चे के परिजनों ने छत्तीसगढ़ सरकार से मदद की गुहार लगाई. जैसे ही यह मामला दो राज्यों के बीच का हुआ तो आंध्र पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई शुरू कर दी. गरियाबंद एसपी भी आंध्र प्रदेश पुलिस के लगातार संपर्क में थे. आंध्र प्रदेश पुलिस ने जब बस स्टैंड पर लगे सीसीटीवी का फुटेज देखा तो उसमें एक अपहरणकर्ता शिवम को उठाकर ले जाते हुए दिखाई दिया.
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विजयवाड़ा में मिला शिवम
आंध्र प्रदेश पुलिस लगातार शिवम की तलाश में जुटी हुई थी, आखिरकार 16 दिन बाद उसका पता चल गया. पुलिस ने विजयवाड़ा बस स्टैंड से अपहरण हुए बच्चे शिवम को बरामद कर लिया. पुलिस ने बताया कि अपरहरणकर्ता बच्चे को बस स्टैंड में छोड़कर चले गए थे. जिसके बाद पुलिस ने तत्काल पूरे मामले की सूचना बच्चे के परिजनों को दी.
इस तरह चल शिवम का पता
दरअसल, पुलिस को इस बात की जानकारी लगी थी कि जिस अपहरणकर्ता ने शिवम का अपहरण किया है, वह आंध्र प्रदेश के वी कोटा नाम के गांव में रहता है. मामले की जानकारी लगते ही पुलिस वी कोटा गांव पहुंची जहां पुलिस को कोई नहीं मिला. बताया जा रहा है कि अपहरणकर्ता कैटरिंग और मजदूरी का काम करता था. इसके अलावा इस बात की जानकारी भी पुलिस को मिली की इस गांव में बच्चों का अपहरण करने वाला एक गैंग भी सक्रिय है. अपहरणकर्ता का संबंध उस गैंग से था या नहीं इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है.
खुद का नाम भी भूल गया शिवम
शिवम जब पुलिस को विजयवाड़ा में मिला तो उसे अपना नाम भी याद नहीं था. पुलिस ने जब उससे उसका नाम पूछा तो उसे कुछ याद नहीं था. माता-पिता का नाम पूछने पर उसने अपहरणकर्ता और उसकी पत्नी का नाम बताया. हालांकि उसे सिर्फ उसके स्कूल का नाम याद था. पुलिस ने जब उससे स्कूल का नाम पूछा तो उसने गरियाबंद के एक स्कूल का नाम बताया. जिसके बाद पुलिस ने उसे चाइल्डलाइन को सौंप दिया और शिवम के परिजनों को बुलाया. पुलिस ने बताया कि शायद बच्चे को इतना डराया धमकाया गया कि वह अपना नाम भी भूल गया.
माता-पिता ने जताया आंध्र पुलिस का आभार
16 दिन बाद शिवम के पिता उत्तम साहू ने जब विजयवाड़ा पहुंचकर अपने बेटे को देखा तो वह भावुक हो गए. उन्होंने अपने बेटे को गले लगाया और उसे सकुशल ढूंढने के लिए आंध्र प्रदेश पुलिस का आभार जताया. उत्तम साहू ने कहा कि आंध्रा पुलिस का जीवन भर आभारी रहेंगे. इस मौके पर शिवम के पिता उत्तम साहू ने पुलिस के साथ सेल्फी भी ली. शिवम की मां ने कहा कि शिवम के अपहरण के बाद से ही वह बहुत परेशान थीं. अब उनका बेटा मिल गया है जिसकी खुशी वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती हैं.
कहानी का एक एंगल यह भी
लेकिन अपहरण के इस मामले में एक ऐसी बात भी सामने आई है, जो पुलिस के लिए जांच का विषय है. बताया जा रहा है कि अपहरणकर्ता का एक ही बेटा था, जिसकी उम्र शिवम जितनी ही थी, जिसकी कुछ महीने पहले बुखार से मौत हो गई. ऐसे में दोनों पति-पत्नी बहुत दुखी रहते थे. अपने बेटे की मौत के बाद उसने शिवम का अपहरण किया. ऐसे में पुलिस का कहना है कि इस मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है. क्योंकि हो सकता है अपहरणकर्ता ने भावुकता में आकर यह कदम उठाया हो. जिससे यह प्रश्न उठता है कि उसने इस बच्चे का अपहरण किस मकसद से किया था. इसलिए यह पूरा मामला जांच का विषय है.
पुलिस ने शिवम को दिए खिलाने
शिवम के मिलने से आंध्र प्रदेश पुलिस ने भी राहत की सांस ली. क्योंकि दो राज्यों का मामला होने की वजह से पुलिस पर दवाब था. हालांकि जब शिवम अपने माता-पिता के साथ जाने लगा तो आंध्र प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने उसे खिलौने दिए और उसके साथ सेल्फी भी ली.
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