Chhattisgarh News: अच्छी पहल! खेलने की उम्र में बाल आरक्षक बनें दो बच्चे, SSP ने सौंपा अनुकंपा नियुक्ति पत्र
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले (Durg Child Constable) से एक अच्छी खबर सामने आई है. बता दें कि यहां पर दो बच्चों को बाल आरक्षक बनाया गया है. इन बच्चों की उम्र 5 साल और 7 साल है.
हितेश शर्मा/ दुर्ग: आपने पुलिस विभाग से जुड़ी बहुत सी कहानियां सुनी होंगी. पुलिस की शौर्य गाथाएं सुनी होंगी, पुलिस के पराक्रम के बारे में सुना होगा, लेकिन जो हम बताने जा रहे हैं वो पुलिस विभाग से जुड़ी खबर तो है लेकिन इन सब से बिल्कुल हट कर. जो उम्र बच्चों के खेलने की होती है मस्ती करने की उम्र होती है, उस उम्र में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के दुर्ग जिले के दो बच्चे बाल आरक्षक बन गए हैं. बाल आरक्षक बनने के बाद इनके परिजनों में खुशी का माहौल है और ये जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
सौंपा गया पत्र
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में दो बच्चों को बाल आरक्षक बनाया गया. इन्हें एसएसपी रामगोपाल गर्ग के द्वारा अनुकंपा नियुक्ति पत्र सौंपा गया है. इसमें एक की उम्र 7 साल है जबकि दूसरे की उम्र 5 साल है. पुलिस विभाग की तरफ से पत्र सौंपते हुए विभाग के कर्तव्यों के बारे में भी जानकारी दी गई .
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अंजनी भट्ट
एसएसपी रामगोपाल गर्ग ने 7 साल की अंजनी भट्ट को अनुकंपा नियुक्ति पत्र सौंपा. नियुक्त पत्र के बाद अंजनी बाल आरक्षक बन गई हैं. जब पुलिस ने ये पत्र सौंपा तो इस दौरान बगल में खड़ी अंजनी का मां भावुक हो गईं. लेकिन एसएसपी ने उन्हें समझाते हुए कहा कि पुलिस उनके परिवार के साथ और सदस्य है. बता दें कि बीते दिन कांस्टेबल अतुल भट्ट की आसमयिक निधन हो गया था. जिसकी वजह से अंजनी की नियुक्ति की गई है और पुलिस के द्वारा सहयोग देने का भी आश्वासन दिया गया है.
विवान भास्कर
अंजनी के अलावा 5 साल के विवान को भी बाल आरक्षक बनाया गया है. इन्हें एसएसपी रामगोपाल गर्ग ही अनुकंपा नियुक्ति पत्र सौंपाहै. बता दें कि विवान के पिता राज कुमार भास्कर बेमेतरा जिले में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे. ड्यूटी के दौरान ही उनकी अचानक मौत हो गई थी. जिसके चलते अब विवान को बाल आरक्षक बनाया गया है. बता दें कि जिन बच्चों की उम्र 18 साल से कम रहती है उन्हें बाल आरक्षक पद पर भर्ती दी जाती है.