भोपालः मध्य प्रदेश में महिला जागरूकता अभियान सम्मान की सोमवार से एक बार​ फिर से शुरुआत हुई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोपहर 1:30 बजे भोपाल के मिंटो हॉल में कन्या पूजन करने के साथ महिला जागरूकता अभियान सम्मान समारोह का शुभारंभ किया. उन्होंने गैंगरेप पीड़िता को गुंडों से बचाने वाली सागर की श्रीबाई को सम्मानित किया. 50 वर्षीय श्रीबाई ने 26 सितंबर 2020 को साहस दिखाते हुए पीड़िता को हैवानों के चंगुल से छुड़ाया था. वर्चुअल सम्मान समारोह के शुभारंभ के बाद सीएम​ शिवराज ने श्रीबाई से कहा कि 'आपका जीवन धन्य है, मैं आपका अभिनंदन करता हूं.'


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श्रीबाई ने सुनाई पूरी कहानी
बात पिछले साल 26 सितंबर की एक दोपहर की है. श्रीबाई बताती हैं कि वह अपने खेत में फसल काट रही थीं, तभी अचानक उन्हें आवाज सुनाई पड़ी. कोई बचा लो, बचा लो चिल्ला रहा था. जब उन्होंने पास जाकर देखा तो एक महिला दो बच्चों को लिए चीखती हुई उनकी ओर भागती आ रही थी. वह निर्वस्त्र थी और उसके पीछे चार लोग दौड़ते हुए आ रहे थे. श्रीबाई ने महिला को अपने पीछे ​कर लिया और खुद गुंडों के सामने खड़ी हो गईं. एक गुंडा बॉटल में पेट्रोल लिए श्रीबाई के पास आया और बोला, ''यह मेरी साली है. तू यहां से चली जा, वरना तुझे भी जिंदा जला दूंगा.''


पीड़िता के दो बच्चे भी थे
श्रीबाई आगे बताती हैं कि उन्होंने हाथ में पेट्रोल की बॉटल लिए गुंडे की बात सुन एक डंडा उठाया और खेत में काम कर रहे अपने बेटे देवराज को जोर से आवाज दी. खुद को पीड़िता का जीजा बताने वाला व्यक्ति और उसके साथ के अन्य तीन गुंडे भाग खड़े हुए. इसके बाद श्रीबाई ने गांव के कोटवार प्रहलाद राय को बुलाया और इस पूरे मामले की सूचना पुलिस को दी. श्रीबाई ने बताया कि उन्होंने तुरंत अपने घर से अपनी एक साड़ी मंगवाकर पीड़िता को दी, जिससे उसने अपना शरीर ढका. पीड़िता के साथ उसके दो बच्चे थे जिनमें से एक 2 साल और दूसरा 6 महीने का था. श्रीबाई ने अपने बेटे से दूध मंगवाकर दोनों को पिलाया. इसके बाद उन्होंने डरी-सहमी पीड़िता को पुलिस रिपोर्ट लिखाने के लिए हिम्मत दी. अगले दिन खुद उसके साथ जाकर पुलिस में बयान दर्ज कराया.


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पीड़िता ने सुनाई दरिंदगी की दास्तां
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 5 साल पहले उसकी शादी बलेह में हुई थी. उसके दो बच्चे हैं और उसका पति मजदूरी करके अपना परिवार चलाता है. वह घटना वाले दिन झांसी से ट्रेन से सागर आई थी. जब वह प्लेटफार्म से बलेह जाने के लिए निकली, तो बाहर उसे एक व्यक्ति मिला. उसने पीड़िता से पूछा की वह कहा जाना चाहती है, जब उसने बताया कि उसे बलेह जाना है, तो उस आदमी ने उसे बस स्टैंड जाने को कहा. जब वह बस स्टैंड पहुंची तो उसे पता चला की बस 8.30 बजे आएगी. इतने में उसने देखा कि वही व्यक्ति उसके पीछे-पीछे बस स्टैंड तक पहुंच गया था.


वह पीड़िता को यह बोलकर अपने साथ ले गया कि आगे से बस मिल जाएगी, मैं आपको वहां तक छोड़ दूंगा. वह उसे धोखे से आपचंद गांव ले आया और उसे एक टपरिया में बंधक बनाकर रखा. रात में 4 लोग आए और उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता का कहना है कि वे लोग उसे बेचना चाहते थे और पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की धमकी दे रहे थे. वह अपनी जान बचाने के लिए श्रीबाई का धन्यवाद करती है. इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. उन पर संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर न्यायालय में पेश किया, जहां से चारों को जेल भेज दिया गया था.


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यह मुहिम 26 जनवरी तक चलाई जा रही
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए महिला जागरूकता अभियान सम्मान समारोह का आयोजन 26 जनवरी तक होगा. इसके लिए नारे भी तैयार किए जाएंगे और लोगों को प्रदेश भर में जागरूक भी किया जाएगा. इस अभियान के माध्यम से उन सभी का सम्मान किया जाएगा, जिन्होंने महिला और बेटियों की सुरक्षा के लिए काम किया. कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश के डीजीपी विवेक जोहरी ने कहा कि फिलहाल तो यह 15 दिन का विशेष अभियान है, लेकिन पुलिस विभाग में ये अभियान सतत चलेगा.


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