भोपाल: जैसे-जैसे कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे कोरोना संक्रमण लोगों के शरीर पर कम और दिमाग पर ज्यादा असर कर रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि लोग इसे लेकर पेनिक हो रहे हैं. हालात ये हैं कि अस्पतालों के साथ साथ अब मनोचिकित्सकों की क्लीनिकों पर मरीजों की संख्या बढ़ गई है.


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देश में सिर्फ 1 फीसदी पर असर
मनोचिकित्सकों का कहना है कि देश मे 1 फीसदी लोगों के शरीर पर कोरोना असर कर रहा है, लेकिन दिमागी तौर पर 40 फीसदी से अधिक लोग इससे प्रभावित हैं. इससे लोग डर रहे हैं और घबरा रहे हैं कि कहीं कोरोना न हो जाये. कोरोना से हो रहे मानसिक तनाव के उबरने के लिए लोग अब मनोचिकित्सकों से परामर्श ले रहे हैं.


5 घंटे तक नहा सिर्फ नहा रहें
भोपाल की मनोचिकित्सक रूमा भट्टाचार्य का कहना हैं कि कई लोगों को तो कोरोना का इतना डर मन है कि वे दिन मे 5 घंटे का समय सिर्फ नहाने मे बिता रहे हैं. कुछ तो दिन मे कई बार घर की दीवारों को गीले कपड़े या फिनायल से साफ कर रहे हैं. और कई मरीज तो हर हफ्ते अपना आरटीपीसीआर टेस्ट करा हैं.


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डरे नहीं सावधान रहें 
मनोचिकित्सक रूमा भट्टाचार्य का कहना हैं कि वे पेशेंट को यही सलाह दे रही हैं कि जितना हो सके खुद को काम मे व्यस्त रखें, म्यूजिक या कॉमेडी के सीरियल्स ज्यादा देखें. न्यूज सिर्फ अपडेट रहने के लिए देखें, और हेल्दी खाना खायें.


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