MP News: भोजशाला का `हवन कुंड` खोलेगा सारे राज, ASI सर्वे टीम को मिट्टी के नीचे मिली ये आकृतियां
Dhar Bhojshala ASI Survey Day 24: धार की ऐतिहासित भोजशाला में 24वें दिन का सर्वे शुरू हो चुका है. आज सुबह से सर्वे टीम हवन कुंड के आसपास सर्वे कर रही है. यहां ASI को अहम सबूत मिलने की खबर है.
Dhar Bhojshala ASI Survey Day 24: धार की ऐतिहासित भोजशाला में 24वें दिन का सर्वे शुरू हो चुका है. सर्वे की टीम भोजशाला के अंदर सर्वेक्षण का काम कर रही है. आज आधुनिक मशीनों के भी आने की संभावना है जताई गई है, जिसमें GPS और GPR तकनीक की मशीनें महत्वपूर्ण रहेगी. ASI की टीम ने गर्भगृह में 6 स्थान पर चिन्ह लगाए गए थे, इनमें से एक जगह पर खुदाई चल रही है. भोजशाला के हवन कुंड को लेकर भी बड़ा अपडेट निकल कर सामने आया है.
बता दें कि ASI सर्वे की टीम सुबह 8 बजे से सर्वे करने पहुंच गई है. भोजशाला के अंदर बाहर सर्वे किया जा रहा है. वहीं भोजशाला के अंदर गर्भगृह में ब्रशिंग की गई और फोटोग्राफी वीडियोग्राफ़ी भी हुई है.
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हवन कुंड को लेकर बड़ा अपडेट
वहीं भोजशाला के हवन कुंड को लेकर बड़ा अपडेट निकल कर सामने आया है. आज सुबह से सर्वे टीम हवन कुंड के आसपास सर्वे कर रही है. जहां हवन कुंड से भारी मात्रा में मिट्टी हटाई गई है. भोजशाला के फरसीकरण के सामने वाले हिस्से से भी मिट्टी हटाई जा रही है. मिट्टी के नीचे पत्थरों की आकृतियां दिखने लगी है. सर्वे टीम आकृतियों को स्टोर कर रही है. सर्वे टीम को विभिन्न लिपियों में लिखी हुई आकृतियां मिली है.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भोजशाल के बीच में हवन कुंड नुमा आकृति है. जिसें हिंदू समाज हवन कुंड कहता है. सर्वे टीम इसी हवन कुंड से मिट्टी को हटा रही है. इसके अलावा हवन कुंड की जो बनावट है, इसको लेकर फोटो भी लिए गए हैं.
हिंदू-मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा?
सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद खान ने बताया कि सर्वे का काम अपनी गति से चल रहा है. दरगाह के अंदर जो भी शिलालेख और पत्थर मिल रहे हैं, जिन पर ऊर्दू, अरबी और फारसी में लिखा है. कुछ वैज्ञानिक यहां पहुंचने वाले हैं. जिससे ये सब किस वक्त के पताया लगाया जा सके. जो भी होगा कोर्ट के सामने ही सब कुछ पेश होगा.
वहीं हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि भोजशाला के उत्तर, दक्षिण, पश्चिम में काम चल रहा है. गर्भगृह में भी तेजी से सर्वे का काम जारी है. आने वाले समय में जांच के लिए वैज्ञानिक और नई मशीनें भी आने वाली है. वहीं गोपाल शर्मा ने बताया कि शनिवार को जानकारी मिली है कि कमाल मौलाना दरगाह के नीचे तलघर है. साथ ही दो गुंबदों के नीचे हनुमान मंदिर और दूसरे गुंबद के नीचे कमलनाथ की समाधि थी. इस सर्वे के बाद निश्चित रूप से यहां मां सरस्वती मंदिर का जो स्वरुप होगा, वह हमें फिर मिलेगा.