धमतरी: देश-दुनिया में कई लोग ऐसे होते हैं, जो अपने काम के साथ अलग शौक रखने के लिए जाने जाते है. ऐसे ही एक धमतरी के पान ठेला संचालक धरमू साहू है, जिन्हें पुराने सिक्के-नोटों को संग्रह करने का शौक है. उनके पास मुगल और अंग्रेजों के जमाने के तांबा, पीतल, कांसा और चांदी के सिक्के हैं. वहीं कई विभिन्न देशों की करेंसी भी वह संभाले रखा है. हालांकि उनकी पान की छोटी दुकान देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता कि धरमू के पास इतना अनोखा खजाना भी होगा. लेकिन जब वह अपनी पुराने सिक्कों की पोटली खोलते हैं तो हर कोई देख के हैरान हो जाता है.


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पान की दुकान से चलता है घर
धरमू के इस पुराने सिक्कों को जमा करने के शौक को देखकर हर कोई हतप्रभ रह जाता है. उनकी कलेक्टोरेट के पास अपनी छोटी सी पान की दुकान है. पान की दुकान से होने वाली कमाई से ही वह अपना घर चलाते है.


1983 से ही कलेक्शन कर रहे है
बता दें कि धरमू ने अंग्रेजों के जमाने के चांदी के सिक्के के अलावा एल्युमिनियम के बने 5, 10, 20 पैसों को उन्होंने एकत्रित किया हुआ है. वह 1983 से सिक्कों का कलेक्शन कर रहे है. उनकी दुकान में जो ग्राहक धोखे से ये सिक्के दे जाते है, उन्हें वह जानबूझ कर अपने पास रख लेते है. आज उनके पास लगभग 40 प्रकार के नोट और सिक्के है.


नई पीढ़ी के लिए इकट्ठा कर रहे
पुराने सिक्कों के संग्रहण को लेकर धरमू का कहना हैं कि वह नई पीढ़ी को अतीत दिखाना चाहता है. आज के दौर में भले ही पुराने सिक्कों का कोई महत्व नहीं है, लेकिन पूर्व में इन्हीं सिक्कों से जरूरत की चीजें खरीदी जाती थी. यह सिक्के उन्हें बीते दिनों की याद दिलाता है. जब इन पैसे से बहुत कुछ खरीदा जा सकता था.


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लोगों ने की प्रशंसा
वहीं लोगों का कहना है कि धरमू का यह प्रयास काफी प्रशंसनीय है. उनके द्वारा संग्रह किये सिक्कों को नई पीढ़ी के बच्चों को दिखाकर बताया जा सकता है, कि पहले एक आना और 5 पैसे में भी काफी कुछ खरीदा जा सकता था. भले ही आज इनकी कोई कीमत नहीं है.


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