Madhya Pradesh Crime News: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में बीते तीन-चार दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल एक खबर ने सनसनी फैला दी थी. खबर यहां की 22 लड़कियों के लापता होने ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार और धर्मान्तरण जैसे मुद्दों को लेकर थी. अब इस मामले में दमोह के एसपी ने बड़ा खुलासा किया है. एसपी ने इसे महज अफवाह करार दिया है, लेकिन उन्होंने इन्ही लापता कही जा रही लड़कियों में से एक के वाकई लापता होने की पुष्टि की है.


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दरअसल, सोशल मीडिया पर एक खबर जमकर वायरल हुई कि दमोह जिले की 22 लड़कियां कई दिनों से लापता हैं. किसी संस्था ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जरिये उन्हें लापता किया है. तमाम लड़कियों का धर्मान्तरण  हो गया है. इस खबर इस सबको हिला कर रख दिया तो जिले के एसपी ने मामले को गंभीरता से लिया. एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि लड़कियों के गायब होने की खबरे अफवाह है और ये संख्या 22 नहीं बल्कि 19 है, जिनमे से 16 लड़किया और 3 लड़के हैं.


नौकरी के लिए बाहर गए थे बच्चे
पुलिस ने जांच पड़ताल की तो मालूम चला कि मुंबई के एक एनजीओ द्वारा दमोह में प्रथम एनुकेशनल फाउंडेशन संचालित किया जा रहा है, जो की 18 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को ट्रेनिंग देते हैं. फिर दूसरे शहरों में जॉब उपलब्ध कराते हैं. इसी संस्था द्वारा 19 बच्चों को ट्रेनिंग के साथ जॉब दिया जाना था, जिसके लिए उन्हें दूसरे शहरों में भेजा गया था. जब सोशल मीडिया के जरिए अफवाह सामने आई तो 19 में से 16 बच्चे दमोह वापस आ गए हैं. दो लड़कियां जॉब के चलते दिल्ली में है और सुरक्षित हैं.


दिल्ली के थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट
इस मामले में एसपी ने बड़ी जानकारी देते हुए बताया है कि इन लड़कियों में से एक लापता है. 26 मार्च से दिल्ली से लापता हुई एक लड़की का कोई सुराग नहीं लगा है. इस लापता लड़की को लेकर दिल्ली के न्यू अशोकनगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है. दिल्ली पुलिस लड़की की तलाश कर रही है. एसपी के मुताबिक संबंधित संस्था प्रथम फाउंडेशन को लेकर जांच पड़ताल की गई तो पाया कि ये संस्था मुम्बई की एक अच्छी संस्था है जो कई क्षेत्रों में काम कर रही है. एसपी ने साफ किया है कि सोशल मीडिया पर मानव तस्करी और धर्मान्तरण जैसी बातें गलत हैं और ऐसे कोई भी तथ्य सामने नही आये हैं.


रिपोर्ट: महेंद्र दुबे, दमोह