खरगोनः मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में पिछले दिनों लाखों रुपये के नकली नोट पकड़ाए थे. उनमें अधिकतर 500 और 2000 रुपये के नकली नोट मिले, जिनका संचालन प्रदेश के पेट्रोल पंपों व बाजारों में होता था. पुलिस ने मामले पर एक्शन लेते हुए इंदौर, उज्जैन, खरगोन, खंडवा और आगर-मालवा के रहने वाले 10 लोगों को गिरफ्तार किया. उनसे पूछताछ करने पर पता चला कि इंदौर के रहने वाले मामा-भांजा पूरे तस्करी मामले के मास्टरमाइंड हैं.


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विशेष दस्ते से की बाजार में निगरानी
मामला खरगोन जिले के बलकवाड़ा थाना क्षेत्र से उजागर हुआ. जहां 20 जनवरी को पुलिस ने कुछ आरोपियों को नकली नोटों के साथ पकड़ा था. पुलिस कप्तान शैलेंद्र सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि नकली नोटों की जानकारी मिलते ही उन्होंने विशेष पुलिस दस्ते की तैनाती कर आरोपियों की धरपकड़ शुरू की थी. दस्ते को हाट बाजार और पेट्रोल पंप पर निगरानी के लिए लगाया गया, जहां से जल्द ही सफलता मिली और उन्होंने सिंगाजी मंदिर के सामने से पांच और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.


मुखबिर से मिली थी पुलिस को सूचना
बलकवाड़ा थाना पुलिस को सूचना मिली कि सिंगाजी मंदिर इलाके के पास तीन बाइक पर पांच लोग बड़ी मात्रा में रुपयों की लेनदेन कर रहे हैं. पुलिस बल जैसे ही मौके पर पहुंचा, वहां मौजूद लोगों ने भागने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर पांचों को पकड़ लिया. इनके कब्जे से पुलिस ने 18 लाख के नकली नोट भी बरामद किए. उनसे सख्ती से पूछताछ करने पर पता चला कि नकली नोट तस्करी के पीछे मास्टर माइंड इंदौर का रहने वाला 32 साल का जगदीश है.  


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मामा-भांजा साथ मिलकर कर रहे थे तस्करी
इंदौर में जगदीश के घर से पुलिस को 4 लाख 65 हजार रुपये के नकली नोट मिले. जगदीश का भांजा जितेंद्र आगर मालवा में तस्करी करता, जिसके घर से पुलिस को नोट बनाने की सामग्री, दो प्रिंटर, कागज, कटर और आधे छपे नकली नोट मिले. चार अन्य आरोपियों से बरामद नोटों को मिलाने पर पुलिस के पास कुल 30 लाख 65 हजार रुपये के नकली नोट हो गए. मामले में अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनके खिलाफ भारतीय मुद्रा के षडयंत्र पूर्वक नकली नोट छापने और चलाने की धारा 489 क,ख व ग और 120 बी के तहत कार्रवाई की जा रही है.


अब तक चला चुके थे 5 लाख के नकली नोट
एसपी शैलेंद्रसिंह ने बताया कि आरोपी बाजार में पांच लाख रुपये के नकली नोट चलाने के बाद भी पकड़े नहीं गए थे. इससे उनके हौसले बुलंद हुए और उन्होंने बड़ी मात्रा में तस्करी शुरू की. मामा-भांजा ने निमाड़-मालवा के स्थानीय लोगों को उनकी गैंग में शामिल कर पेट्रोल पंप और हाट बाजार में इन्हें चलाने की साजिश रची. लेकिन इससे पहले ही वे पुलिस की गिरफ्त में आ गए. एसपी सिंह का कहना है कि दस आरोपियों पर पुलिस रिमांड जारी है, ये लोग किसी बड़े रैकेट में भी शामिल हो सकते हैं.


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