भोपाल. मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोना को लेकर बड़ा बयान दिया था, जिसके बाद से कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. कमलनाथ के बयान के खिलाफ भोपाल में रविवार को बीजेपी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केस दर्ज कराने के लिए ज्ञापन दिया. कमलनाथ के खिलाफ धारा 188 के तहत क्राइम ब्रांच में केस दर्ज किया गया है. साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट की धारा 54 की धाराएं भी लगाई गई हैं.


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दरअसल, उज्जैन पहुंचे पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा था कि विदेशों में भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. विदेशी मीडिया भारत में कोरोना को इंडियन वैरिएंट बता रहे हैं. ब्रिटेन में इंडियन ड्राइवर्स की टैक्सी में कोई नहीं बैठ रहा है. इससे पहले कमलनाथ ने आरोप लगाया था कि मध्य प्रदेश सरकार कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़े छिपा रही हैं. जिसके बाद बीजेपी नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल कमलनाथ की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचा.  


यह पूरा मामला 
एमपी बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार दोपहर भोपाल के क्राइम ब्रांच थाने पहुंचा था. इस प्रतिनिधिमंडल ने कमलनाथ के बयानों को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी. आवेदन देने पहुंचे मंत्री विश्वास सारंग ने कहा था कि कोरोना को लेकर इंडियन वेरिएंट देने का बयान देकर कमलनाथ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि बिगाड़ने की कोशिश की है. इसके अलावा विधायकों की बैठक में प्रदेश में अराजकरता फैलाने की बात कही है. इन दोनों मामलों में FIR की मांग को लेकर बीजेपी नेताओं ने थाने में आवेदन दिया था.


विश्वास सारंग का बयान 
आवेदन देने पहुंचे मंत्री विश्वास सारंग ने कहा था कि कोरोना को लेकर इंडियन वेरिएंट देने का बयान देकर कमलनाथ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि बिगाड़ने की कोशिश की है. सारंग ने कहा कि कमलनाथ कोरोना इंडियन वैरिएंट जैसे बयान देकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदुस्तान की छवि को बिगाड़ने वाला काम कर रहे हैं. इसके अलावा विधायकों की बैठक में प्रदेश में अराजकरता फैलाने की बात कही है. इन दोनों मामलों में FIR की मांग को लेकर बीजेपी नेताओं ने थाने में आवेदन दिया था. जिसके बाद कमलनाथ पर एफआईआर दर्ज की गई. 


कमलनाथ ने किया पलटवार 
इधर बीजेपी के हमलावार होने के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ की तरफ से एक प्रेस नोट भी जारी किया गया था. इसमें कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा था. साथ ही कहा था कि हमने तो संकट के दौर में सरकार का सहयोग किया है लेकिन हमारी जवाबदारी प्रदेश की जनता के प्रति भी है. हम उनको मरता नहीं छोड़ सकते हैं, हम सरकार के झूठ पर मुहर नहीं लगा सकते हैं. हम जनता के हित के लिये लड़ते रहेंगे, हमें सरकार के झूठे आरोपों की परवाह नहीं है. सरकार की किसी भी FIR से हम डरने वाले नहीं है.


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