भोपाल: भोपाल में लव जिहाद के खिलाफ 'धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020' के तहत पहला मामला दर्ज किया गया है. यहां एक युवक ने अपना धर्म छुपाकर एक हिन्दू लड़की से प्रेम प्रसंग किया और उसके बाद उस पर धर्म परिवर्तन करने का दबाब बनाया. पीड़िता की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक असद नाम के आरोपी ने आशु बनकर इंजीनियरिंग की छात्रा को प्रेम जाल में फंसाया था.


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राजधानी के ऐशबाग थाना क्षेत्र में रहने वाला आरोपी शादी का झांसा देकर पिछले दो साल से युवती का यौन शोषण कर रहा था. जब आरोपी की पहचान उजागर हुई तो उसने युवती से दूरी बना ली. युवती ने पुलिस को बताया कि आरोपी धर्म परिवर्तन कर निकाह के लिए दवाब बना रहा था. आरोपी द्वारा लगातार दी जा रही धमकियों से डरी युवती ने भोपाल के अशोका गार्डन पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने युवती की शिकायत पर धर्म स्वतंत्र्य अधिनियम 2020 और बलात्कार का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. भोपाल में यह लव जिहाद का पहला मामला है.


यह है पूरा मामला
पीड़िता  बालाघाट की रहने वाली 23 वर्षीय युवती इंजीनियरिंग  की छात्रा है. वह अशोका गार्डन इलाके में किराये से कमरा लेकर रहती है. 2019 में वह जिस बस स्टॉप से बस पकड़ती थी, वहां एक 30 वर्षीय आशु नाम का युवक उसका पीछा कर बात करने की कोशिश करता था. वह अपने आप को मैकेनिकल इंजीनियर बताता था. नवंबर 2019 में धीरे- धीरे दोनों की दोस्ती हो गई.


12 दिसंबर 2019 को आरोपी युवक छात्रा के घर पहुंचा और खुद को हिंदू बताकर उससे शादी करने की इच्छा जाहिर की और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. इसके बाद साल 2020 में मई महीने में आशू एक फंक्शन में गया था, उसी दौरान वह मस्जिद गया और इबादत करने लगा. मस्जिद में नमाज पढ़ने लगा. पीड़िता ने जब उससे पूछा तो उसने बताया कि वह मुस्लिम है और उसका असली नाम असद है.   


पीड़िता ने आरोपी से कहा कि तुमने झूठ बोलकर धोखा दिया. इसके बाद युवती ने उससे दूरी बना ली.  इसके बाद अक्टूबर 2020 में आरोपी  ने छात्रा के साथ सड़क पर ही अभद्रता की. विगत  11 जनवरी को भी उसने युवती को रोका और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया. 


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इससे पहले बड़वानी में हुआ था दर्ज मामला
‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020' के तहत एक शख्स के खिलाफ बड़वानी में 22 वर्षीय लड़की की शिकायत पर प्रदेश का पहला केस दर्ज हुआ था. 


7 जनवरी को राज्यपाल ने दी थी मंजूरी
लव जिहाद को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020 को सात जनवरी को मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी. मंत्री परिषद से अनुमोदन के बाद स्वीकृति के लिए अध्यादेश के मसौदे को लखनऊ राजभवन भेजा गया था. राज्यपाल की अनुमति मिलते ही उत्तरप्रदेश के बाद मध्यप्रदेश ऐसा दूसरा राज्य बना, जहां लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू किया गया.


क्या हैं प्रावधान
नए कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक कि सजा दी जाएगी. अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी.


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