इंदौर: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों पर एमपी से लेकर दिल्ली तक बवाल मचा हुआ है. किसानों के समर्थन में एमपी कांग्रेस ने भोपाल के बाद रविवार को इंदौर के देपालपुर में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों के समर्थन में कांग्रेस नेताओं ने ट्रैक्टर मार्च निकाला. इस मार्च का नेतृत्व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने किया. इसके बाद कमलनाथ ने विशाल किसान आंदोलन को संबोधित किया और बीजेपी पर जमकर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने कृषि कानूनों को किसानों के खिलाफ बताया और उन्हें वापस लेने की मांग की.


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कमलनाथ ने कही ये बात
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों के साथ उनकी सरकार के समय न्याय हुआ था. 27 लाख किसानों का कर्जा माफ किया था. माफिया के खिलाफ अभियान ने मप्र ने एक अलग पहचान बनाई. मैंने कौन सा गुनाह किया कि मेरी सरकार गिरा दी गई. बीजेपी पर निशाना साधते हुए लगाते हुए कमलनाथ ने कहा कि सौदेबाजी से सरकार गिराई गई. मैं भी सौदा कर सकता था, लेकिन मैंने कहा कि सरकार जाए तो जाए मैं सौदे बाजी नहीं करूंगा. लेकिन, अब मप्र की पहचान सौदेबाजी की बन गई है.


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सिंधिया की बगावत के बाद गिरी थी सरकार
बता दें कि बीते साल 200 में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा था. जब पार्टी के ही दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए थे. इस बगावत ने करीब डेढ़ साल पहले ही 2018 में बनी राज्य की कमलनाथ सरकार को गिरा दिया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद तो भाजपा में गए ही उनके जाने के बाद उनके समर्थन में कांग्रेस के करीब दो दर्जन विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. लिहाजा कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई और 20 मार्च को कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा. इसके बाद राज्य में हुए उपचुनाव में बीजेपी जीती और  शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 


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