खरगोन मामले में 4 पुलिसकर्मी निलंबित, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, आरोपी की मौत पर क्यों हुआ था हंगामा?
खरगोन जिले के बिस्टान थाने में हुई युवक की मौत के बाद बाद शिवराज सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. सरकार ने खरगोन जेल जेल अधीक्षक, उप निरीक्षक और तीन पुलिस कर्मी निलंबित कर दिया है.
खरगोन: एमपी (Madhya Pradesh) के खरगोन जिले के बिस्टान थाने में हुई युवक की मौत के बाद मंगलवार को भारी बवाल हुआ था. चोरी के आरोप में गिरफ्तार हुए युवक की मौत की खबर मिलते ही उसके गांव के लोगों ने बिस्टान थाने पर भारी हंगामा किया. इस दौरान लोगों ने जमकर तोड़फोड़ की थी. परिजनों का आरोप था कि युवक की मौत पुलिस पिटाई से हुई है. इसके बाद शिवराज सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. सरकार ने खरगोन जेल जेल अधीक्षक, उप निरीक्षक और तीन पुलिस कर्मी निलंबित कर दिया है.
मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए
निलंबित करने के साथ ही इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मौत की घटना की मजिस्ट्रयल जांच के आदेश दिये है. साथ ही खरगोन जिला जेल के अधीक्षक गिरधारी लाल औसारी, बिस्टान थाने के उप निरीक्षक जितेन्द्र कवचे, हेड कांस्टेबल आवेश खान, कांस्टेबल मिलन यादव और हरिओम मीणा को निलंबित कर दिया गया हैं.
पिटाई से नहीं हुई मौत?
वहीं परिजनों के पुलिस की पिटाई से मौत वाले आरोप पर सिविल सर्जन डॉक्टर दिव्येश वर्मा ने खुलासा कर बताया कि मृतक आरोपी बिसन की मौत सेप्टिक शॉक बीमारी से हुई है. जिसमें युवक को पुराने घाव में इंफेक्शन हो गया था. जिस वजह से उसकी मौत हुई है. मृतक के शरीर पर चोट के अन्य निशान भी नहीं मिले है.
सेप्टिक शॉक क्या है?
दरअसल इस बीमारी में मरीज का ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है, जिससे बॉडी में सूजन आ जाती है. ये बीमारी इतनी खतरनाक है कि इसका असर बॉडी के महत्वपूर्ण अंगों पर पड़ता है. इससे ब्लड क्लॉट बनने लगते हैं. मरीज का ब्लड प्रेशर खतरनाक स्तर तक गिरने लग जाता है. इसमें शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते हैं. इस बीमारी की वजह से अंगों पर बेहद बुरा असर पड़ता है. शरीर के अंग काम करना बंद कर देते है. अंगों द्वारा काम करना बंद होने वाली स्टेज को सेप्टिक शॉक कहा जाता है, जिसकी वजह से मरीज की मौत तक हो सकती है.
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