भोपाल: देश के पहले वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज (Habibganj Railway Station) का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narednra Modi) 15 नवंबर को भोपाल जाएंगे. इसी बीच बीजेपी ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की राजनीति शुरू कर दी थी. पीएम के उद्घाटन से पहले हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदला जाने का प्रस्ताव मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य सरकार केन्द्र सरकार को दिया है. प्रस्ताव में रानी कमलापति नाम का जिक्र किया गया है.


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हबीबगंज रेलवे स्टेशन का इतिहास देखिए, क्यों हो रही है नाम बदलने की मांग, इससे पहले क्या था इसका नाम?


बीजेपी के कई नेताओं ने की थी मांग
गौरतलब है कि हबीबगंज के नाम को लेकर भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा समेत कई नेता पहले से इसका नाम बदलने की मांग कर रहे थे. 


कौन थीं रानी कमलापति?
गौरलतब है कि भारत सरकार ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाये जाने को निर्णय लिया है. वहीं 16वीं सदी में भोपाल क्षेत्र गोंड शासकों के अधीन था. ऐसा माना जाता है कि गोंड राजा सूरज सिंह के पुत्र निजामशाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था. रानी कमलापति ने अपनी पूरे जीवन में बहादुरी से और वीरता से आक्रमणकारियों का सामना किया था.  इसलिए हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम गोंड रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में किए जाने का निर्णय लिया है. 



ऐसा पड़ा था हबीब से हबीबगंज नाम
हबीबगंज का नाम हबीब मियां के नाम पर रखा गया था, पहले इसका नाम शाहपुर था. हबीब मियां ने 1979 में स्टेशन के विस्तार के लिए अपनी जमीन दान में दी थी. इसके बाद इसका नाम हबीबगंज रखा गया था. उस समय आज के एमपी नगर का नाम गंज हुआ करता था. ऐसे में हबीब और गंज को जोड़कर तब इसका नाम हबीबगंज रखा गया था.


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