नई दिल्लीः आज की व्यस्त लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों के चलते दिल से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. दुनिया में हर साल कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) के चलते लाखों लोगों की मौत हो जाती है और बीमारी को लेकर जागरुकता की कमी के चलते इनमें लगातार इजाफा हो रहा है. कार्डियक अरेस्ट (Heart Attack) में व्यक्ति का दिल अचानक काम करना बंद कर देता है, इस स्थिति में अगर व्यक्ति को तुरंत इलाज ना मिले तो मरीज की जान भी जा सकती है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) से पहले दिखते हैं ये लक्षण
बता दें कि कार्डियक अरेस्ट से पहले शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं. अगर व्यक्ति समय रहते इन लक्षणों को समझ पाए तो मरीज की जान बच सकती है.
कार्डियक अरेस्ट से पहले मरीज को बेहोशी और बहुत ज्यादा पसीना आता है
सांस लेने में तकलीफ होती है और जी घबराना और बेचैनी की समस्या होती है.
दिल की धड़कन असामान्य रूप से बढ़ जाती है. 
कार्डियक अरेस्ट से पहले व्यक्ति की आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है.
साथ ही जी मिचलाना, उल्टी और मतली की समस्या हो सकती है. 


ये लक्षण दिखें तो क्या करें? (Cardiac Arrest Symptoms)
कार्डियक अरेस्ट आने पर थोड़ी सी भी देरी मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है. यही वजह है कि ऊपर से संबंधित लक्षण दिखाई दें तो मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं. साथ ही मरीज के हाथ-पैरों के तलवों को तेजी से रगड़ें. कार्डियक अरेस्ट आने पर मरीज को सीपीआर देना चाहिए. इससे मरीज की जान बचाई जा सकती है. 


सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) होता है. यह एक इमरजेंसी मेडिकल तकनीक है, जिसमें मरीज की सांस रुक जाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है. सीपीआर में मरीज की छाती पर दबाव बनाया जाता है, जिससे ब्लड फ्लो बेहतर करने में मदद मिलती है.