नई दिल्लीः  दुनिया में कई ऐसी जनजातियां हैं जो अपने अनोखे रीति-रिवाज के लिए जानी जाती हैं. ऐसी ही एक जनजाति है हिंबा, जो कि अफ्रीकी देश नामीबिया के कुनैन प्रांत में निवास करती है. यह इलाका दुनिया के सबसे सूखे इलाकों में शुमार किया जाता है, जिसके चलते हिंबा जनजाति के रीति-रिवाज भी ऐसे हैं, जिनमें कम से कम पानी का इस्तेमाल होता है. तो आइए जानते हैं कि क्यों खास है ये जनजाति-


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शादी के दिन नहाती हैं लड़कियां
हिंबा जनजाति की लड़कियां सिर्फ शादी के दिन नहाती हैं. दरअसल पानी की कमी के चलते ही यह रीति बनी होगी. हिंबा जनजाति की महिलाएं नहाती नहीं हैं लेकिन फिर भी उनके शरीर से कोई बदबू नहीं आती है. इसकी वजह है एक खास किस्म का पेस्ट जो तेल में एक खनिज की धूल मिलाकर तैयार किया जाता है. 


हिंबा जनजाति की महिलाएं रोजाना इस लेप को अपने शरीर पर लगाती हैं. यह लेप ना सिर्फ महिलाओं को धूप से बचाता है बल्कि कीट पतंगों से भी शरीर की रक्षा करता है. लेप के चलते ही हिंबा जनजाति की महिलाओं का रंग हल्का लाल रंग का दिखाई देता है. साथ ही हिंबा जनजाति की महिलाएं खास जड़ी बूटियों का धुआं अपने शरीर को लगाती हैं, जिससे इनके शरीर से खुशबू आती है.  


मेहमानों का रखा जाता है खास ख्याल
हिंबा जनजाति की महिलाएं अफ्रीका में सबसे सुंदर मानी जाती हैं. यहां एक और अनोखी परंपरा है. दरअसल यहां के लोग मेहमानों की आवभगत के लिए जाने जाते हैं और अपने घर आने वाले मेहमानों को अपनी बीवी के साथ सेक्स करने की छूट देते हैं. इस दौरान महिला का पति या तो दूसरे कमरे में सोता है या फिर घर के बाहर सोता है. हिंबा जनजाति में पुरुषों को एक से ज्यादा महिलाओं के साथ संबंध बनाने की आजादी होती है. वहीं महिलाएं भी दूसरे पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बना सकती हैं. नामीबिया में हिंबा जनजाति के लोगों की संख्या करीब 50 हजार है.