भारत में चीते नामीबिया से मंगवाए गए थे जिसे अभी मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा गया है. इस अफ्रीकी देश में मलेरिया के मच्छरों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है, जिसको लेकर वहां की सरकार को चेतावनी जारी करनी पड़ी.
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Malaria In Namibia: नामीबिया की राजधानी विंडहोक (Windhoek) में स्वास्थ्य एवं सामाजिक सेवा मंत्रालय (Ministry of Health and Social Services) ने देश के उत्तरी इलाके में मलेरिया के मामलों में हुए इजाफे के बाद अलर्ट जारी किया है. एमओएचएसएस (MoHSS) के एग्जिकि बेन नांगोम्बे (Ben Nangombe) ने एक बयान में बताया, '' 15 दिसंबर तक 2,210 मामले सामने आए और 4 नवंबर से 15 दिसंबर की अवधि के दौरान 265 गंभीर मामले सामने आए, इनमें से 9 की मौत हुई. उन्होंने कहा, "16 जिले मलेरिया महामारी की सीमा को पार कर चुके हैं और प्रकोप का सामना कर रहे हैं."
इन इलाकों में मलेरिया
प्रभावित जिलों में ईन्हाना (Eenhana) शामिल है, जिसमें 661 मामले या कुल का 30 फीसदी हिस्सा है, इसके बाद ओकोंगो (Okongo) में 336 मामले (15 फीसदी) हैं. नांगोम्बे ने कहा कि प्रभावित अन्य जिलों में आउटापी (Outapi), एंगेला (Engela), नकुरेंकुरु (Nkurenkuru), ओशाकाटी (Oshakati) और ओमुथिया (Omuthiya) शामिल हैं. सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया, नांगोम्बे के मुकाबिक इस दक्षिणी अफ्रीकी मुल्क में दिसंबर से अप्रैल तक मौसमी मलेरिया से लोग जूझते हैं
सरकारी उपाय
इसको लेकर मंत्रालय संक्रमण को कम करने के लिए इनडोर अवशिष्ट छिड़काव (Indoor residual spraying) करता है और कीटनाशक से ट्रीट की गई मच्छरदानी (Mosquito nets) मुहैया करता है. इसके साथ ही मंत्रालय ने लोगों से अपील की कि मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनें.
कैसे फैला मलेरिया?
उन्होंने कहा, "ये देखा गया है कि सीमा पार मवेशियों को चराने वाले मलेरिया से पीड़ित थे. उन्हें ही महामारी फैलाने वालों में से एक के रूप में पहचाना गया है." मंत्रालय ने मलेरिया के मामलों की निगरानी के लिए मजबूत निगरानी प्रणाली बनाई है और मलेरिया नियंत्रण तथा रोकथाम को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मजबूत सामुदायिक शिक्षा अभियान शुरू किया है. यह संक्रमण एक परजीवी के कारण होता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।
(इनपुट-आईएएनएस)