New Motor Vehicle Act: देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इस नए कानून को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की अफवाहें चल रही हैं. इन अफवाहों से जनता भी काफी परेशान है. इन अफवाहों को देखते हुए परिवहन विभाग ने इस कानून से जुड़ी पूरी जानकारी जारी की है. बता दें कि ये नियम सिर्फ ट्रक या बस ड्राइवर्स के लिए है, बल्कि आम जनता के लिए भी लागू है जो वाहन चलाता है. हालांकि अब हड़ताल समाप्त हो गई है. लेकिन इस नए कानून के बारे में जानना हर नागरिक के लिए जरूरी है.


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कानून वापस लेने की मांग
देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ देशभर में खूब बवाल देखने को मिला. जगह-जगह ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए थे. हिंट एंड रन कानून को लेकर मध्य प्रदेश के खंडवा में वाहन चालकों ने चक्का जाम कर दिया था, जिससे खंडवा बुरहानपुर मार्ग पर यातायात प्रभावित हो गया. वहीं इंदौर के गंगवाल बस स्टैंड चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते बंद कर दिए गए. देशभर में ट्रांसपोर्ट यूनियनों नए भारतीय न्याय संहिता के अधिनियम के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.


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परिवहन विभाग द्वारा जनता के लिए जारी की गई जानकारी
परिवहन विभाग द्वारा बुधवार को जनता के लिए नई जानकारी जारी की गई है. हड़ताल समाप्त किए जाने हेतु माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. के दिनांक 02.01.2024 को एक बैठक बुलाई गई. जिसमें हिट एंड रन कानून के बारे में पूरे विस्तार से बताया गया है. 


जानें हिट-एंड-रन कानून के बारे में
भारतीय न्याय संहिता के तहत यदि कोई व्यक्ति ड्राइवर सड़क हादसे के बाद अधिकारियों (पुलिस) को बिना सूचना दिए दुर्घटना स्थल से भाग जाता है तब धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान उस पर लागू नहीं होते है. और उसे 10 साल की जेल की सजा काटनी पड़ेगी. इसके साथ ही जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है. बता दें कि इस कानून को दो  श्रेणियों में रखा गया है. 


बिना सूचना दिए भागने पर होगी सजा
पहला- अगर कोई आरोपी ड्राइवर मौत का कारण बनता है उसे अधिकतम पांच साल की सजा के साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. यदि किसी व्यक्ति से एक्सीडेंट हो जाता है और वह इस घटना के बारे में पुलिस या मजिस्ट्रेट को जानकारी दे देता है तब धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान उस पर लागू नहीं होते.


इस स्थिति में होगी 10 साल की सजा 
वहीं दूसरा अगर कोई ड्राइवर लापरवाही से गाड़ी चलाकर किसी की मौत का कारण बनता है और भाग जाता है. साथ ही इसकी जानकारी वो किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को नहीं देता है तो उसे जुर्माना के साथ-साथ दस साल तक की जेल का सामना करना पड़ेगा. हालांकि धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता में जुर्माने की राशि को विशिष्ट रूप से वर्णित नहीं किया गया है.