नई दिल्लीः भारतीय इकॉनोमी तेजी से बढ़ रही है और इसका असर अब विभिन्न क्षेत्रों में दिख रहा है. हाल ही में भारत, ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है. अब भारत ने एक अन्य मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. दरअसल वित्तीय वर्ष 2022 की पहली छमाही में देश ने यूनिकॉर्न के मामले में चीन को पछाड़ दिया है. इस दौरान भारत में 14 यूनिकॉर्न बने, वहीं चीन में यह आंकड़ा 11 रहा. 


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क्या होता है यूनिकॉर्न
जो स्टार्टअप कंपनी एक अरब डॉलर वैल्यू की हो जाती है, उसे कारोबारी भाषा में यूनिकॉर्न कंपनी कहा जाता है. हाल के सालों में भारत में तेजी से कई स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने हैं. चीन की बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण चीन में स्टार्टअप की संख्या तेजी से बढ़ रही है लेकिन अब कोरोना के बाद दिख रही मंदी का असर चीन की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है. 


हुरुन ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स 2022 की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 की पहली छमाही में दुनियाभर में 254 स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न बनीं, जिनमें सबसे ज्यादा अमेरिका में 138 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने. भारत में यह आंकड़ा 14 और चीन में 11 रहा. दुनियाभर में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न के मामले में अमेरिका सबसे आगे है. अमेरिका के बाद चीन और तीसरे नंबर पर भारत का नंबर आता है. 


वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर 13.5 फीसदी रही, जो दुनिया में सबसे ज्यादा  है. हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक रिसर्च पेपर जारी किया है, जिसके अनुसार, भारत अगले 7 साल बाद यानि कि 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. हालांकि इसके लिए भारत को अभी जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ना होगा. दुनियाभर में जिस तरह से महंगाई और मंदी बढ़ रही है, उसे देखते हुए भारत के सामने कई चुनौतियां भी हैं लेकिन भारत की क्षमताओं को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि भारत जल्द ही दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बन जाएगा.