What happens after death: मौत आपके वर्तमान भौतिक शरीर से संबंध खत्म करने का नाम है. लेकिन आप अस्तित्व खत्म नहीं करते, बल्कि एक नई स्थिति में चले जाते हैं. वहां आप एक दूसरे प्रकार का शरीर पा सकते हैं.
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Smartest Man in World: इंसान के मन में सबसे बड़ा सवाल हमेशा यही रहा है कि मरने के बाद क्या होता है. इस सवाल ने न जाने कितनी सभ्यताओं और धर्मों को जन्म दिया है. लेकिन एक शख्स, जिसका आईक्यू दुनिया में सबसे अधिक माना जाता है, इस रहस्य का जवाब देने का दावा करता है. इस शख्स को दुनिया स्मार्ट इंसान भी कहा जाता है. इतना ही नहीं इस बयान ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है. लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर मरने के बाद क्या होता है.
आइंस्टीन से भी ज्यादा आईक्यू वाले क्रिस लैंगन
दरअसल, डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक 72 साल के अमेरिकी शख्स क्रिस लैंगन का आईक्यू 190 से 210 के बीच है. उनको दुनिया का सबसे स्मार्ट शख्स कहा जाता है. उनका आईक्यू महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन से 30-50 प्वाइंट ज्यादा है. क्रिस लैंगन ने कॉग्निटिव-थ्योरिटिक मॉडल ऑफ द यूनिवर्स नाम का सिद्धांत विकसित किया है. इस सिद्धांत के जरिए वह बताते हैं कि हमारे मन और वास्तविकता के बीच क्या संबंध है.
मरने के बाद क्या होता है?
रिपोर्ट के मुताबिक क्रिस लैंगन का मानना है कि मौत के बाद इंसान का 'सचेतन' या आत्मा एक अलग आयाम या अस्तित्व के रूप में बदल जाती है. यह एक ऐसी स्थिति है, जहां इंसान का भौतिक शरीर तो खत्म हो जाता है, लेकिन चेतना किसी और रूप में मौजूद रहती है. उनके मुताबिक, यह पारंपरिक स्वर्ग या नर्क जैसा नहीं है, बल्कि एक पूरी तरह से नया अस्तित्व है.
मौत एक नई शुरुआत है..
लैंगन ने एक पॉडकास्ट में कहा कि मौत आपके वर्तमान भौतिक शरीर से संबंध खत्म करने का नाम है. लेकिन आप अस्तित्व खत्म नहीं करते, बल्कि एक नई स्थिति में चले जाते हैं. वहां आप एक दूसरे प्रकार का शरीर पा सकते हैं, जो आपकी चेतना को बनाए रखने में मदद करता है. उन्होंने यह भी बताया कि मृत्यु के बाद आप अपनी पिछली यादों को पूरी तरह नहीं खोते, लेकिन उन पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होती.
स्वर्ग या नर्क नहीं, बल्कि एक जटिल सत्य
लैंगन का यह भी कहना है कि मृत्यु के बाद जो स्थिति होती है, वह किसी विशाल सुपरकंप्यूटर में होने जैसा है, जहां सबकुछ आपके चारों ओर है, लेकिन कुछ घटित नहीं हो रहा. यह 'आफ्टरलाइफ' नहीं है, बल्कि चेतना का एक अद्भुत और जटिल रूपांतरण है.
क्रिस लैंगन का यह सिद्धांत विज्ञान और आध्यात्मिकता का एक अनोखा मेल है. उनकी थ्योरी हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारा अस्तित्व केवल भौतिक शरीर तक ही सीमित है, या हम वास्तव में एक बड़े अनजाने सच का हिस्सा हैं.