अंशुल/इंदौर: कोरोना महामारी के कारण कई आर्थिक गतिविधियों पर इसका बुरा असर दिखाई दिया है. कोरोना महामारी का असर रेलवे पर भी दिखाई दिया है. लॉकडाउन के चलते दूसरे साल भी रेलवे को बड़ा घाटा उठाना पड़ा. अकेले पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल की बात करें तो रतलाम मंडल के इंदौर रेलवे स्टेशन पर ही 19 करोड़ 33 लाख से अधिक का नुकसान हुआ.


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यात्रियों का अभाव दिखाई दिया
दरअसल 24 मार्च 2020 में लगे लॉकडाउन से पहले इंदौर से 56 ट्रेनें चल रही थी फिर लॉकडाउन लगा. जब अनलॉक हुआ तो इंदौर से 36 स्पेशल ट्रेन चलाई गई लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण 26 ट्रेनों में यात्रियों का अभाव दिखाई दिया. उन्हें बंद कर दिया गया. केवल 5 फ़ीसदी यात्री ही इन ट्रेनों में सफर कर रहे थे. इंदौर रेलवे स्टेशन की यदि बात की जाए तो सामान्य दिनों में 27 हज़ार 500 यात्री सफर करते थे. और हर दिन 71 लाख रुपए की आय टिकट बिक्री से ही हो जाती थी लेकिन यात्रियों की घटती संख्या का असर रेलवे की आय पर भी पड़ा है.


नुकसान की भरपाई की
हालांकि रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना काल के बावजूद माल गाड़ियों से होने वाली आय में रेलवे ने अपने नुकसान की भरपाई की. रेलवे पीआरओ  जितेंद्र कुमार जयंत ने बताया कि पिछले 1 साल से माल गाड़ियों के संचालन के चलते दवाइयां, अनाज, स्वास्थ्य, उपकरण सहित अन्य माल को एक जगह से दूसरी जगह सप्लाई किया गया घाटे में चल रहे रेलवे को माल गाड़ियों के सहारे आर्थिक नुकसान कम उठाना पड़ा.


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