कर्ण मिश्रा/जबलपुर. मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में जबलपुर से गिरफ्तार किए गए आरोपी को लेकर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां मामले के संगीन आरोपी राकेश शर्मा को थाने के दो पुलिस आरक्षक एक बाइक पर बैठाकर ले गए, जो ट्रैफिक नियमो की अवहेलना तो करता ही है. जबकि इतने संवेदनशील मामले के आरोपी को खुले में ले जाना भी बड़ी लापरवाही दर्शाता है. क्योंकि ऐसी लापरवाही के दौरान आरोपी भागने के साथ किसी घटना का शिकार भी हो सकता था.


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यह है पूरा मामला 
दरअसल, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के काले कारोबार में लिप्त आरोपियों की सूची लगातार बढ़ती जा रही है. एसआईटी ने अभी तक इस पूरे अपराध में सरबजीत सिंह मोखा सहित करीब पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं. इधर, इस हाई प्रोफाइल मामले में जबलपुर का रहने वाला आरोपी राकेश शर्मा पहला ऐसा आरोपी है, जिसने पुलिस के सामने अपने तमाम गुनाह स्वीकार कर लिए हैं. आरोपी राकेश शर्मा को अब जेल भेजा जा रहा है. एसआईटी ने राकेश शर्मा की वह कार भी जब्त कर ली है, जिसमें इंजेक्शन का काला कारोबार वह करता था. इसके अलावा उसका मोबाइल भी जब्त कर लिया गया है. लेकिन जब पुलिस उसे सुनवाई के लिए ले गई तो बिना किसी सुरक्षा के दो पुलिसकर्मी उसे बाइक पर उठाकर ले गए.  


पूरा मामला 24 मई का बताया जा रहा है.  जब राकेश शर्मा को मुलायजा कराने के लिए जिला चिकित्सालय ले जाया गया था. घटना के बाद एसआईटी प्रभारी का कहना है कि उनकी जानकारी में यह मामला अभी तक नहीं आया था ऐसे में सामने आए वीडियो में यदि लापरवाही का कोई तथ्य आया है तो मामले की जांच कराई जाएगी और जांच के बाद आगे की कार्यवाई से अवगत कराया जाएगा. गौरतलब है कि नकली रेमेडिसिवर  इंजेक्शन मामले में राकेश शर्मा वहीं आरोपी है जिसने इंदौर से सुशील मिश्रा से इंजेक्शन खरीद कर जबलपुर पहुंचाने की बात कबूली है. जिनमे से कुछ इंजेक्शन उसने निकाल लिये थे जो सपन जैन को दिये थे,उसके बाद वह इंजेक्शन उनके द्वारा नर्मदा में प्रवाहित किये थे. 


राकेश शर्मा सपन जैन का मित्र है
एसआईटी की जांच में पता चला है कि आरोपी सपन जैन और राकेश शर्मा अच्छे मित्र हैं. दोनों सांठगांठ कर गुजरात से नकली इंजेक्शन लाकर मध्यप्रदेश में बेचा करते थे. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि सरबजीत सिंह मोखा का संपर्क सुनील मिश्रा से देवेश चौरसिया ने कराया. इसके बाद सुनील मिश्रा ने सपन जैन और राकेश शर्मा का संपर्क मोखा से करवाया था. राकेश शर्मा इंदौर में किसी कैचअप कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत था.  


जल्द रिमांड पर लिया जाएगा मुख्य आरोपी सरबजीत 
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में आरोपी राकेश शर्मा से एसआईटी ने अपनी पूछताछ कर ली है. राकेश शर्मा की निशानदेही पर पुलिस अब गोताखोरों की मदद से नर्मदा के तिलवारा पुल पर बहाए गए इंजेक्शन तलाश करने में जुटी हुई है. नकली इंजेक्शन को नदी में सपन जैन और राकेश शर्मा ने बहाए थे. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी का कहना है कि राकेश शर्मा ने सब कुछ उगल दिया इसलिए रिमांड नहीं ली गई है. लेकिन सरबजीत सिंह मोखा की रिमांड जल्द ही ली जाएगी.


नर्मदा में  फेंके थे 35 इंजेक्शन 
राकेश शर्मा से पूछताछ में पता चला कि गुजरात में नकली रेमडेसिविर का भंडाफोड़ होने के बाद सपन और राकेश कार से 35 इंजेक्शन लेकर शाम को तिलवारा गए थे. वहां पुल से दोनों ने नकली इंजेक्शन फेंक दिए थे. एसआईटी ने इसकी पुष्टि उनके मोबाइल लोकेशन के आधार पर की है. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है. 


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