प्रकाश शर्मा/ जांजगीर: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में मानसूनी बारिश तेज हो गई है लेकिन खरीदी समाप्त होनेे के साढ़े 4 महीने बाद भी केंद्रों से धान का उठाव नहीं हो पाया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में 37 से ज्यादा संग्रहण और खरीदी केंद्रों में करीब 3 लाख 4 हजार क्विंटल धान का उठाव अब भी नही हुआ है. बर्बाद होते इस धान की कीमत समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से 56 करोड़ 78 लाख रुपये से ज्यादा है.


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गौरतलब है कि जांजगीर चाम्पा जिले में 196 सहकारी समितियों के 231 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 1 लाख 83 हजार 529 किसानों से 79 लाख 82 हजार क्विंटल धान की खरीदी हुई थी. छत्तीसगढ़ सरकार ने 1868 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित किया था. वही बोनस सहित 2500 प्रति क्विंटल की दर से पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी की गई है.


आपको बता दें कि जिले में धान खरीदी की व्यवस्था तो हर साल व्यवस्थित होती है जिसकी वजह से जिला धान खरीदी में नंबर वन साबित होता है. मगर उसके बाद लचर व्यवस्था की शुरुआत होती है जिसमें खरीदी केंद्रों से धान के उठावों राइस मिलरों से सामंजस्य पर निर्धारित होता है और यहीं विभागीय चूक सामने आती है.


 यही वजह है कि इस बार भी धान खरीदी समाप्त होने के महीनों बाद भी 3 लाख 4 हजार क्विंटल धान संग्रहण केंद्रों और खरीदी केंद्रों में मानसून की बारिश के के बीच भीगते हुए पड़ा है.


जिला विपणन अधिकारी सुनील सिंह राजपूत से बात की गई तो कहते हुए नज़र आए कि धान खरीदी की व्यवस्था तो हर साल अच्छी और व्यवस्थित होती है येही वजह है कि जिला धान खरीदी में नंबर वन साबित होता है. लेकिन वहीं दूसरी ओर धान के उठावों के लिए राइस मिलरों से सामंजस्य की कमी होने की बात कहते भी नज़र आए.


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