मंदिरों का शहर खजुराहो पूरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों से निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो कि देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं.
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छत्तरपुर: विश्व पयर्टक स्थल खजुराहो के चंदेल कालीन मंदिर आज से अनलॉक हो गया है. दो महीने से कोरोना की वजह से मंदिरो को देशी विदेशी पयर्टको के लिये बिल्कुल बंद कर दिये थे. जिससे पयर्टन व्यवसाय से जुड़े लोगों को रोजी रोटी का संकट खडा हो गया था. आज जैसे से सुबह से खजुराहो मंदिर खोले गये वैसे ही इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के चेहरे खिल गये. उन्होंने उम्मीद जताई कि अब उनका व्यवसाय चल निकलेगा.
गाइडलाइन का पालन जरूरी
वहीं टूरिस्ट गाईडो ने मंदिर के पास कोरोना की वजह से साथियों की मौत पर शोक व्यक्त भी किया. गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष बलवीर गौतम ने बताया कि खजुराहो मंदिरो को देखने आ रहे पयर्टकों को कोविड गाइडलाइन का पालन करवाया जा रहा है. पर्यटकों को चेहरे पर मास्क अनिवार्य होगा. हाथों को सैनिटाइज करवा कर मंदिरों में प्रवेश दिया जाएगा. साथ ही मंदिरों में प्रवेश के वक़्त सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा.
निर्देश जारी
अब खजुराहो में भी कोरोना का संक्रमण कम हो गया है. ऐसे में प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब खजुराहो में भी मंदिर और दुकाने और होटले खोलने के निर्देश नगर परिषद की तरफ से जारी कर दिए गए हैं.
दूर दूर से आते हैं पर्यटक
मंदिरों का शहर खजुराहो पूरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों से निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो कि देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं. भारत के अलावा दुनिया भर के आगन्तुक और पर्यटक सौंदर्य के प्रतीक मंदिर को देखने के लिए निरंतर आते रहते हैं.
विश्वविख्यात स्थान
खजुराहो प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों के लिये विश्वविख्यात है. यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है. खजुराहो को प्राचीन काल में 'खजूरपुरा' और 'खजूर वाहिका' के नाम से भी जाना जाता था.
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