Suresh pachauri News: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को मध्यप्रदेश में तगड़ा झटका लगा है. ब्राह्मणों में गहरी पैठ रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी आज भोपाल में बीजेपी का दामन थाम लिया है. बता दें कि सुरेश पचौरी करीब 5 दशक से कांग्रेस में थे, और उन्हें राजीव गांधी का बेहद करीबी माना जाता है. जानकारी के मुताबिक वे खुद को काफी दिनों से अपमानित और उपेक्षित महसूस कर रहे थे. इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आपको बता दें कि सुरेश पचौरी ने हाल ही में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से भी दूरी बना ली थी. अब आज उन्होंने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए. 


कांग्रेस के लिए बड़ा झटका 
सूत्रों की मानें तो सुरेश पचौरी के साथ ही धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी भी भाजपा की सदस्यता ले ली है. इसके अलावा पूर्व विधायक विशाल पटेल, पूर्व विधायक संजय शुक्ला और पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी भी बीजेपी में शामिल हो गए. ऐसे में देश को जोड़ने का दावा करने वाले राहुल गांधी ने हाल ही में प्रदेश में यात्रा निकाली थी, लेकिन वो अपने नेताओं को ही जोड़ कर नहीं रख पा रहे हैं.


कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय क्या बोले?
वहीं सुरेश पचौरी के बीजेपी में शामिल होने को लेकर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर निकले हैं. कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता समझ रहे हैं कि देश के साथ कोई न्याय कर रहा है तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. बहुत से लोग भाजपा के काम को पसंद कर रहे हैं और वे भाजपा में आ रहे हैं.



कौन हैं सुरेश पचौरी?
बता दें कि सुरेश पचौरी मनमोहन सरकार में मंत्री थे. वे 24 साल राज्यसभा सदस्य रहे. इसके अलावा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद भी उन्होंने संभाला. हालांकि दिग्विजय सिंह से उनकी अनबन भी राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा का विषय रही. साल 1972 में उन्होंने युवा कांग्रेस नेता के रुप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. इसके बाद वो 1984 में राज्य युवा कांग्रेस अध्यक्ष बने. वह 1984 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 1990, 1996 और 2002 में फिर से चुने गए.


आपको बता दें कि अपने राजनीतिक जीवन में सुरेश पचौरी ने सिर्फ दो बार चुनाव 1999 और 2013 में लड़ा. हालांकि दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.