जिसका कोई नहीं उसके लिए आगे आए महाकाल मंदिर के पंडे-पुजारी, खुद कर रहें पिंड दान, तर्पण
आज पवित्र राम घाट मां क्षिप्रा नदी किनारे ऐसे तमाम लोगों का पिंड दान, तर्पण कर उन्हें मोक्ष दिलवाया.
उज्जैन: विश्व भर में छाएं महामारी के संकट ने सबको बिखेर कर रख दिया है. कई परिवार तबाह हो गए, मरने वालों लोगों में कई लोग ऐसे थे जिन्हें उनके अपनों ने साथ नहीं दिया तो किसी ने अपनो को लावरिस छोड़ दिया. ऐसे ही विश्व भर के लावरिस म्रत्यु प्राप्त लोगों के मोक्ष की चिंता धार्मिक नगरी उज्जैन के पंडे-पुजारियों ने की है.
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उन्होंने आज पवित्र राम घाट मां क्षिप्रा नदी किनारे ऐसे तमाम लोगों का पिंड दान, तर्पण कर उन्हें मोक्ष दिलवाया. ये मानवता को जाहिर करता एक बेहद ही प्रशंसनीय कार्य है ऐसा करने वाले पंडे-पुजारियों का कहना है कि आज भी कई लोगों की अस्थियां शमशान में है जिन्हें लेने कोई नहीं आया वहीं से हमें ये प्रेरणा मिली कि ऐसे लोगों को मोक्ष दिलवाया जाए.
आज मोक्ष का दिन
दरअसल क्षिप्रा किनारे बसे उज्जैन नगरी में हर रोज हजारों की संख्या में क्षिप्रा नदी में स्नान कर व बाबा महाकाल के दर्शन लाभ लेने श्रद्धालु पहुंचते है. पंडे-पुजारियों ने कहा जिनका कोई नहीं उनके हम हैं. तर्पण करने वाले पंडित ने जानकरी देते हुए बताया कि आज पूर्णिमा का दिन बेहद खास है. आज ही के दिन मोक्ष के लिए तर्पण पूजन करना चाहिए.
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यहां से मिली प्ररेणा
पंडित गौरव ने बताया कि मुझे प्रेरणा शमशान चक्रतीर्थ से मिली. जहां मैं गया तो मुझे पता चला कुछ लोगों की राख लेने उनके परिजन अब तक नहीं आये है. मेरे मन मे विचार आया ऐसे ना जाने कितने लोग होंगे क्यों न उनके मोक्ष के लिए पिंड दान साथियों संग मिलकर किया जाए. मैं प्रार्थना करता हुं देश मे सुख समृद्धि बनीं रहे और लावरिस मरने वालों को हमारे छोटे से प्रयास से मोक्ष की प्राप्ति हो.
आपको बता दें कि उज्जैन के क्षिप्रा स्थित रामघाट पर पुराणों के अनुसार भगवन राम ने अपने पिता के मोक्ष हेतु पूजन किया था, तभी से घाट को श्री राम का नाम दिया गया.
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