प्रदेश अध्यक्ष की रेस का ऊंट किस करवट बैठेगा, दो गुट हावी हैं, तीसरा नाम प्रभावी है
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि आने वाले 15 दिनों में संगठन को लेकर बड़े निर्णय होंगे.
भोपालः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि कमलनाथ कांग्रेस के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. इस बात के संकेत इस बात से भी मिले हैं कि कमलनाथ की पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से भी मुलाकात हुई है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर कमलनाथ दिल्ली में सक्रिए होंगे तो मध्य प्रदेश कांग्रेस में भी बड़े बदलाव हो सकते हैं. जिसके संकेत पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी दिए हैं. हालांकि कमलनाथ ने केन्द्रीय नेतृत्व से कहा है कि वो मध्य प्रदेश छोड़ दिल्ली में भूमिका नहीं निभाना चाहते. मगर जब भी गांधी परिवार को किसी भी राज्य में उनकी जरूरत होगी तो वो उसके लिए उपलब्ध होंगे.
भंग हो सकती है एमपी कांग्रेस कमेटी
खास बात यह है कि सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि एमपी कांग्रेस कमेटी को भंग किए जाने के भी संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव जल्द ही किए जाएंगे. सज्जन सिंह वर्मा ने बयान देते हुए कहा कि आने वाले 15 दिनों में संगठन को लेकर बड़े निर्णय होंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में होने वाले उपचुनावों को लेकर भी कांग्रेस की पूरी तैयारी है. पूर्व मंत्री ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस नेताओं की ड्यूटी तय होगी, किसे क्या जिम्मेदारी दी जानी है, इसका फैसला लिया जाएगा.
क्या फिर गुटों में बंटी कांग्रेस ?
सज्जन सिंह वर्मा के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि अगर कमलनाथ दिल्ली जाते हैं. तो वह मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं. ऐसे में इन पदों पर अभी से दावेदारों के नामों की चर्चा भी शुरू हो गई है. खास बात यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद कमलनाथ और दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता है. राजनीतिक जानकारों का भी यही कहना है कि अगर कमलनाथ दिल्ली जाते हैं तो मध्य प्रदेश में वह प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ेंगे. जिसके लिए दावेदार अभी से सक्रिए हैं. गुटबाजी और आपसी कलह कांग्रेस का स्थायी भाव बनती जा रही है. प्रदेश कांग्रेस में अंतर्कलह का खामियाजा पहले भी पार्टी ने भुगता है. कमलनाथ के पास इन दिनों कांग्रेस की सारी ताकत है, लेकिन दिग्विजय के समर्थक भी अब सक्रिए हो रहे हैं.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद के कई दावेदार
कमलनाथ फिलहाल मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के अलावा नेता प्रतिपक्ष भी है और एमपी में दौहरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. ऐसे में अगर कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ते हैं तो इस पद के लिए एमपी में कई दावेदार है. जिनमें जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा, अरुण यादव, अजय सिंह, बाला बच्चन, सहित कई दावेदार हैं. खास बात यह है कि इन नेताओं में कोई दिग्विजय सिंह का खास माना जाता है तो कोई कमलनाथ समर्थक है. ऐसे में अगर कमलनाथ पद छोड़ते हैं तो यह जिम्मेदारी किसे मिलेगी यह कहना फिलहाल मुश्किल है.
जीतू पटवारी, अरुण यादव और अजय सिंह यह नेता दिग्विजय सिंह समर्थक माने जाते हैं. अरुण यादव कांग्रेस के दिग्गज नेता सुभाष यादव के पुत्र हैं और अजय सिंह पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे. अरुण यादव पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं तो अजय सिंह के पास नेता प्रतिपक्ष का लंबा अनुभव है. जबकि जीतू पटवारी मध्य प्रदेश में कांग्रेस का बड़ा युवा चेहरा हैं. ऐसे में ये तीनों नेता भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल हैं.
वहीं बात अगर सज्जन सिंह वर्मा और बाला बच्चन की जाए तो यह दोनों नेता कमलनाथ के समर्थक माने जाते हैं. सज्जन सिंह वर्मा और बाला बच्चन कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. जबकि कांग्रेस में उनका लंबा अनुभव रहा है. ऐसे में अगर कमलनाथ पद छोड़ते हैं तो इन नेताओं की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है.
सज्जन सिंह वर्मा ने ठोका दावा
खास बात यह है कि एमपी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने दावा ठोक दिया है. उन्होंने कहा कि ''मैं प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के लायक हूं. पर मैं दौड़ में नही हूं. राजनीति की रेस मुझे रास नहीं आती. हाईकमान के पास आंखे हैं. राजनीति के मापदंड और कसौटियां हैं उन कसौटियों पर मैं दोनों पदों के लिए खरा उतरता हूं. लेकिन कांग्रेस आलाकमान जिसे यह जिम्मेदारी सौंपेगा वह मुझे मंजूर है. ''
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि प्रदेश में सेकेंड लाइन के नेताओं के हाथ में कमान दी जानी चाहिए. जबकि उनसे पूछा गया कि आप प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार है, जिस पर जवाब देते हुए सज्जन वर्मा ने कहा में प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में नहीं, तीसरी लाइन का नेता हूं. उन्होंने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ब्लॉक और मंडलम सेक्टर्स को और छोटा करेंगी, ताकि कांग्रेस के काम और विचारधारा प्रभावी रूप से जनता तक पहुंच सकें. उन्होंने कहा कि इसके लिए भी नेताओं की जिम्मेदारी तय होगी. जबकि यूथ पर भी पूरा फोकस है.
जल्द होंगे संगठन के चुनाव
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जल्द ही प्रदेश कांग्रेस में संगठन के चुनाव भी आयोजित कराए जाएंगे. कांग्रेस संगठन में होने वाली बैठक को लेकर एनएसयूआई, महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चुनाव को लेकर चर्चा होगी. दरअसल, माना जा रहा है कि कांग्रेस संगठन में आने वाले समय में कुछ बड़े परिवर्तन किए जा सकते है. जबकि प्रदेश में होने वाले आगामी उपचुनाव को लेकर भी जिम्मेदारियां तय होगी.
नए लोगों को मिल सकता है मौका
दरअसल, माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीटों पर चुनाव होने वाला है. ऐसे में जल्द ही पार्टी में पुनर्गठन करके कुछ नए लोगों को मौका दिया जाएगा. ऐसे में पुराने और नए लोगों के समनव्यय से संगठन को मजबूत किया जाएगा. कांग्रेस पार्टी इन सभी उपचुनावों को पूरी ताकत से लड़ना चाहती है. तीन विधानसभा सीटों में से दो सीटें कांग्रेस के पास थी ऐसे में कांग्रेस इन सीटों को जीतना चाहेगी.
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