ऑक्सफोर्ड से पढ़े मनमोहन सिंह की कैसे हुई राजनीति में एंट्री? एक बजट से रच दिया इतिहास!
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former PM Manmohan Singh) आज अपना 90वां जन्मदिन मना रहे हैं. आज जब हम हर दिन देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाईंया छूते देख रहे हैं, उसकी पटकथा डॉ. मनमोहन सिंह ने ही 90 के दशक में लिखी थी. आइए जानते हैं कि कैसे मनमोहन सिंह देश के वित्त मंत्री बने और फिर उनके बजट ने देश की तकदीर बदल दी!
Manmohan Singh Birthday: देश की आजादी के बाद 90 का दशक देश में काफी उथल पुथल भरा रहा. इस दौरान साल 1991 में अरब वॉर हुई, जिसने दुनियाभर में तेल के दामों में गजब की तेजी ला दी. 1991 में ही देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई. 1992 में बाबरी विध्वंस की घटना हुई, जिसने देश में सांप्रदायिक हिंसा का ज्वारभाटा ला दिया और इसके एक साल बाद साल 1993 में देश मुंबई बम धमाकों से दहल उठा. इस माहौल के बीच देश में गठबंधन की सरकारों ने हालात को और गंभीर बनाया. अरब देशों की लड़ाई ने देश दुनिया में कच्चे तेल के दाम बढ़ा दिए, जिसने बजट बिगाड़ा और लड़ाई के चलते ही अरब देशों में काम करने वाले भारतीय कामगार भी प्रभावित हुए और भारत आने वाली विदेशी मुद्रा में कमी आई. इन हालातों के जरिए देश में आयात के लिए विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ दो हफ्ते का ही बचा था और देश पर कर्ज भी 70 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था. राजकोषीय घाटा कुल जीडीपी का 8 फीसदी से ज्यादा हो गया था. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था के चरमराने का संकट पैदा हो गया था. ऐसे मुश्किल हालात में मोर्चा संभाला पीवी नरसिम्हा राव (PV Narsimha Rao) और तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने.
पीवी नरसिम्हा राव ने सौंपी मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री पद की कमान
पीवी नरसिम्हा राव अपने राजनीति जीवन की संध्या पर थे और लगभग राजनीति से रिटायरमेंट लेकर हैदराबाद जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन उनकी किस्मत में प्रधानमंत्री बनना लिखा था. राजीव गांधी की हत्या के बाद बने हालातों ने पीवी नरसिम्हा राव को देश का प्रधानमंत्री बना दिया. अर्थव्यवस्था के संकट को देखते हुए पीवी नरसिम्हा राव ने ऑक्सफोर्ड से पढ़े और पूर्व आरबीआई गवर्नर रहे मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री पद (Manmohan Singh Finance Minister) की जिम्मेदारी सौंपी.
मनमोहन सिंह ने किए बड़े आर्थिक सुधार (Economic Reforms by Manmohan Singh)
मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री बनते ही देश की अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव किए. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को उदारवादी बनाया.इसके लिए मनमोहन सिंह ने कुछ बड़े कदम उठाए. 24 जुलाई 1991 को बजट पेश करते हुए मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था कई बड़े ऐलान किए, उन्हीं का नतीजा है कि आज हम अर्थव्यवस्था के मामले में ब्रिटेन से आगे हैं.
नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी का ऐलान (New Industrial Policy)
मनमोहन सिंह ने देश के लिए नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी का निर्माण किया. इसमें देश में विदेशी निवेश और इंडस्ट्री स्थापित करने की दिशा में बड़े बदलाव किए गए. बिजनेस शुरू करने के नियमों को आसान बनाया गया और सरकार के दखल को कम किया गया. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 51 फीसदी किया गया. निवेश के लिए ऑटोमैटिक अप्रूवल की व्यवस्था की गई.
लाइसेंस परमिट राज खत्म किया (licence raj permit abolish)
नई इंडस्ट्री पॉलिसी के तहत देश से लाइसेंस परमिट राज को खत्म किया गया.दरअसल उदारवाद से पहले देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में थी और सरकार ही कंपनी का उत्पादन, कामगारों की संख्या और उत्पाद की कीमत आदि तय करती थी. इसे लाइसेंस परमिट राज सिस्टम कहा जाता था. इसे आर्थिक सुधारों के बाद हटा दिया गया. जिसने देश में निवेश को बढ़ावा दिया.
नई ट्रेड पॉलिसी लागू की गई (New Trade Policy)
निर्यात को बढ़ाने के लिए मनमोहन सिंह ने बतौर वित्त मंत्री देश में नई ट्रेड पॉलिसी लागू की. इसके तहत गैर जरूरी चीजों के आयात पर रोक लगाई गई. देश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रुपए की वैल्यू कम जानबूझकर कम की गई. निजी क्षेत्र की कंपनियों को खुद विदेशों से माल आयात करने की छूट दी गई.
राजकोषीय घाटा कम किया (Fiscal Deficit)
राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में बढ़ोतरी की गई. फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर टैक्स कटौती लागू की गई. एलपीजी गैस सिलेंडर, फर्टिलाइजर, पेट्रोल की कीमतें बढ़ाई गईं और चीनी की सब्सिडी को हटाया गया.
ये भी बदलाव किए
म्युचुअल फंड्स को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया और नॉन रेजीडेंट नागरिकों को भी निवेश में छूट दी गई. अपनी अघोषित संपत्ति का खुलासा करने वाले लोगों को ब्याज और जुर्माने में राहत दी गई, जिससे लोगों ने अपनी अघोषित संपत्ति का ब्यौरा देना शुरू किया.
बजट के ऐलान के बाद भी कई महीने तक देश में आर्थिक सुधारों के लिए कई कदम उठाए जाते रहे. जिससे देश आर्थिक संकट से निकला और प्रगति की नई राह पर अग्रसर हुआ. आज डॉ. मनमोहन सिंह अपना 90वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने मनमोहन सिंह को बधाई दी.
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गाह नामक गांव में हुआ था. मनमोहन सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी, कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल की. मनमोहन सिंह साल 2004 से लेकर 2014 तक लगातार 10 साल देश के प्रधानमंत्री भी रहे.