Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के नर्सिंग घोटाले में कांग्रेस के आरोपों को झेल रही कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने मंगलवार को विधानसभा में चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा, 'मेरा नाम सुबह से लिया जा रहा है. ये एक महीने से चल रहा है. मैंने कोई बयान नहीं दिया. ये राजनीति नहीं, व्यक्तिगत हो रहा है. मैं दोषी नहीं हूं. नर्सिंग काउंसलिंग ऑटोमेशन संस्था है. मंत्री के पास कोई फाइल नहीं आती.


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मंत्री सारंग कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार में रजिस्ट्रार सुनीता सीजू ने कॉलेजों को मान्यता दी थी. 20 मार्च को कांग्रेस की सरकार गई और उसी समय तत्कालीन मंत्री ने 153 कॉलेजों को मान्यता दे दी. एक दो दिन पहले कांग्रेस सरकार ने कॉलेजों पर मान्यता दी.  मंत्री विश्वास सारंग सदन से नाराज दिखे.


आरोप पर भड़की कांग्रेस
विधानसभा में विपक्ष इस मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लेकर आया था. कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने आरोप लगाया कि बीजेपी नर्सिंग घोटाले पर आरोपियों को बचा रही है और चर्चा से बच रही है. इसलिए स्थगन की जगह ध्यानाकर्षण में आ रही है. सरकार के स्वास्थ्य राज्य मंत्री भड़क गए और कहा कि नर्सिंग घोटाले में कमलनाथ सरकार की तत्कालीन मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर का हाथ है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री के आरोप पर कांग्रेस पार्टी भड़क गई और कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी डर क्यों रही है. अगर कमलनाथ सरकार के समय घोटाला हुआ है तो जांच कराये देरी किस बात की. पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि भाजपा पूरी तरीके से चर्चा के लिए तैयार है.


अमंग सिंघार ने लगाए ये आरोप
इधर, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सदन में पूछा बिना घोटाले के धारा 31 के तहत नर्सिंग काउंसिल कैसे टेकओवर किया गया. प्रदेश के हजारों छात्रों को नहीं पता था जिस कॉलेज में एडमिशन ले रहे है वो फर्जी हैं. नर्सिग घोटाला के लिए नियम बदले गए. 2020-21 में सबसे ज्यादा नर्सिग कॉलेज खोले गए. चार अधिकारी और मंत्री नर्सिग काउंसिल चला रहे थे. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि काउंसिल चलाने का अधिकार नहीं है. काउंसिल का कंट्रोल अवैध तरीके से लिया गया.


नियमों को तक पर रखकर मान्यता दी गई: कटारे
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने आरोप लगाया कि नियमों को ताक पर रखकर और नियमों को शिथिल करके कॉलेजों को मान्यता दी गई. नर्सिंग घोटाला करने वालों पर FIR अबतक नहीं हुई. तत्कालीन मंत्री ने नर्सिंग चुनाव न कराकर नर्सिंग काउंसिल को ओवरटेक करना नियम विरुद्ध है. इसके जवाब में मेडिकल एजुकेशन मंत्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि डुप्लीकेट स्टाफ की शिकायत आई थी. CBI को जांच दी गयी. मान्यता को मापदंड में परिवर्तन किया गया है. अपात्र कॉलेज को मान्यता देने के मामले दो रजिस्ट्रार को बर्खास्त किया गया है.