Motivational Story:  किसी के अंदर जज्बा हो तो वो केवल खुद के लिए ही नहीं दूसरों के लिए भी मिसाल बन जाता है. ऐसी ही एक कहानी ग्वालियर के रामभरण यादव और भोपाल के वेदांत गुप्ता की जिसे सुन आप हैरान हो जाएंगे. इन दोनों की कहानी युवाओं के लिए मिसाल है. 3 फिट के वेदांत और दोनों हाथ गवां चुके रामभरन हौसलें की मिसाल है. दोनों ही देश के लिए खेलना चाहते हैं.


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वेदांत गुप्ता
कहते है इंसान की शक्ति उसकी आत्मा में होती है और आत्मा कभी विकलांग नहीं होती. भोपाल के 18 वर्षीय वेदांत गुप्ता  ने इस बात को सच कर दिया है.   वेदांत की लम्बाई महज 3 फिट ही है, मगर हौसलें कुछ इस तरह बुलंद है की दिव्यांग होने के बावजूद वो क्रिकेट खेलते हैं और विकेट कीपिंग करते हैं. दोनों ही तरह से वो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. मैहर मे आयोजित तीन दिवसीय दिब्यांग क्रिकेट लीग में भोपाल टीम की तरफ से खेलने आए वेदांत को देखकर हर कोई हैरान रह गया.  कई लोग अपनी लंबाई को लेकर शर्म महसूस करते हैं, लोगों के बीच आने से कतराते हैं. वहीं वेदांत ने क्रिकेट खेलकर ऐसे लोगों के लिए मिसाल बने है.



रामभरन यादव
ग्वालियर के रामभरन की कहानी तो आपको और हैरान कर देगी. एक्सीडेंट में इनके दोनों हाथ कट गए थे. फिर भी इन्होंने हार नही मानी.  राजभरन अलग-अलग जिले में क्रिकेट खेल कर कई लोगों के लिए नई उम्मीद की किरण बनते नजर आ रहे है.  उनके हौसलें इतने बुलंद है कि वह सिविल सर्विसेज की भी तैयारी कर रहे है. इन्होंने प्रिलिम्स की परीक्षा भी पास कर ली है और जल्द हीं मेंस देने वाले हैं. प्रशासनिक सेवा में जाकर ये देश की सेवा करना चाहते हैं.


3 फिट के वेदांत ने अपनी जर्नी के बारे में बताया की वो 6 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं. भारत के लिए खेलना उनका लक्ष्य है. जिंदगी में हर एक समस्या को चैलेन्ज की तरह मानते हैं और इनसे निपटना हीं अब इनका शौक बन गया है. अब तक वेदांत कई जिलों मे क्रिकेट खेल चुके हैं और वह खुश है की उनके अच्छे प्रदर्शन की वजह से उनको आगे खेलने का मौका मिल रहा है.


मैहर मे आज खेले गए क्रिकेट मैच में यू तो कई दिव्यांग खिलाड़ियों ने भाग लिया पर वेदांत और रामभरन सबके बीच चर्चा का विषय बने.