MP Politics: सिंधिया के ‘गढ़’ में कांग्रेस का `हल्लाबोल`, इसलिए बीजेपी के लिए बनी टेंशन की वजह
MP Assembly Election: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को घेरना शुरू कर दिया है. इस कड़ी में आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सिंधिया के गढ़ में चुनावी रैली करने जा रहे हैं. इस दौरान कांग्रेस के निशाने पर मुख्य रूप से भाजपा के साथ-साथ सिंधिया होंगे.
MP NEWS: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों ने विरोधी पार्टियों के बड़े नेताओं के गढ़ में सेंध लगाना शुरू कर दिया है. बीजेपी हो गया कांग्रेस बड़े चेहरों को मात देने के लिए हर राजनीतिक बिसात बिछा रही हैं. इसी सिलसिले में कांग्रेस बीजेपी के स्टार प्रचारक और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके ही गढ़ में घेने की तैयारी कर रही है. मजेदार बात ये है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद इसकी कमान संभाली है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ शुक्रवार को सुबह अशोकनगर आएंगे. अशोकनगर जिला गुना लोकसभा में ही आता है. यह कई सालों से सिंधिया का गढ़ रहा है, हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में वे हार गए थे. कमलनाथ सुबह 11:45 बजे संविधान बचाओ जनसभा को संबोधित करेंगे. दोपहर 1:00 बजे अशोकनगर से भोपाल आएंगे. पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ कल अशोकनगर सियासी मायनों में बहुत अहम माना जा रहा है. इसकी वजह यह है कि जब तक सिंधिया कांग्रेस में थे तब तक कमलनाथ उनके गढ़ में हस्तक्षेप नहीं करते थे. पार्टी छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद अब कमलनाथ ने खुद कमान संभाल ली है.
क्यों अहम है यह चुनावी रैली
सियासी गलियारों में इस चुनावी रैली को कांग्रेस के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस का ये शक्ति प्रदर्शन भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकता है, जिसको लेकर कांग्रेस ने सफल बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. एक खास बात और है कि कांग्रेस ने इस रैली के लिए अपनी कई सीनियर नेताओं और संगठन के लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी हैं.
निशाने पर होंगे सिंधिया
ग्वालियर, चंबल और गुना संभाग ज्योतिरादित्य सिंधिया के वर्चस्व वाला क्षेत्र है. गुना सिंधिया का गढ़ भी है. मुंगावली एवं अशोकनगर विधायक भी सिंधिया खेमे के माने जाते हैं. दोनों विधायकों ने 2018 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन सिंधिया के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. बाद में दोनों समर्थक विधायकों यहां बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर विधानसभा गए. कयास लगाए जा रहे हैं कांग्रेस अपनी रैली में यहां सिंधिया को निशाना बनाएगी.
रिपोर्ट: अजय दुबे, भोपाल