बैतूल: प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है. अब चुनाव बहिष्कार और नेताओं के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध की भी खबरें सामने आने लगी है. ताजा मामला बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी विधानसभा के ग्राम पंचायत नूतनडंगा के मनकाढाना गांव का है. जहां के ग्रामीणों ने गांव में मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर आगामी चुनाव बहिष्कार का निर्णय लेते हुए गांव में किसी भी नेता को चुनाव प्रचार के लिए आने पर रोक लगा दी है.


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दरअसल मनकाढाना गांव के ग्रामीण लंबे समय से सड़क,पानी और जमीन के पट्टे की मांग कर रहे है. मुख्य मार्ग हिरन घाटा से मनकाढाना गांव तक 4 किमी का कच्चा रास्ता है. जिसमें बारिश के समय में ग्रामीणों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ख़ास तौर पर गांव की गर्भवती महिलाओं और मरीज़ों को अस्पताल पहुंचाने में सड़क नहीं होने के कारण चारपाई पर मरीज़ों और गर्भवती महिलाओं को मुख्य मार्ग तक लाया जाता है. जिससे कई बार महिलाओं और मरीज की मौत तक हो चुकी है. 


पेयजल की काफी समस्या
वहीं पेयजल के लिए आज भी इन ग्रामीणों को नदी और नालों का पानी पीना पड़ता है. ग्रामीण वर्षों से इस गांव मे निवास कर किसानी का कार्य कर रहे हैं लेकिन आज तक सरकार ने इन्हें पट्टे नहीं दिए है. ग्रामीणों के द्वारा कई बार जनप्रतिनिधियों से ऊंचे सड़क, पानी और पट्टे की मांग की गई लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. 


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कोई सुविधा गांव में नहीं मिली
लगभग साढ़े 400 मतदाता वाला गांव मनकाढाना के बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग सभी की परेशानी बढ़ गई है.
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को कई बार ध्यान दिलाने व मांग पत्र पहुंचाने के बावजूद समस्या जस की तस है. जिससे नाराज ग्रामीणों ने इस बार विधानसभा चुनाव में सुविधा नहीं तो वोट नहीं का ऐलान कर दिया है. जिसके लिए उन्होंने चुनाव बहिष्कार का निर्णय कर बैनर लगा दिया है. जिसमें किसी भी राजनीतिक दल के नेता का गांव में चुनाव प्रचार करने नहीं आने कहा गया है.  


रिपोर्ट - रुपेश कुमार