MP Nursing College Scam: मध्य प्रदेश के नर्सिंग घोटाला मामले में अब सियासत की एंट्री हो गई है. अब कांग्रेस विधायक नर्सिंग घोटाले की जांच करेंगे. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कांग्रेस विधायकों से कहा कि अपने क्षेत्र में नर्सिंग घोटाले की रिपोर्ट भेजें. दरअसल, आगामी विधानसभा सत्र में कांग्रेस नर्सिंग घाटाले के जरिए प्रदेश सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. उमंग सिंघार की तरफ से कांग्रेस विधायकों को लिखे पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस जल मिशन योजना में अनियमितताओं और नर्सिंग घोटाले का मुद्दा विधानसभा सत्र में उठाएगी.


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नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कांग्रेस विधायकों को पत्र लिखा. विधायकों को साफ कहा कि विधानसभा क्षेत्र में नर्सिंग होम की स्थिति, नियम विरुद्ध संचालित होने की जानकारी फोटो के साथ मांगी. साथ ही जल मिशन की अनियमितताओं की जानकारी भी मांगी. दोनों मुद्दों की तथ्यों के साथ सदन में उठाने की रणनीति बनाई जाएगी.


तथ्यों के साथ घेरने की तैयारी में विपक्ष
एमपी नर्सिंग घोटाले को लेकर उमंग सिंघार तत्कालीन विभागीय मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. एमपी नर्सिंग घोटाले की जांच कर रही CBI के अधिकारी रिश्वत लेते पकड़े गए हैं. कांग्रेस ने पहले भी विश्वास सारंग पर आरोप लगाए हैं, हालांकि CBI या अन्य किसी जांच में उनका नाम नहीं आया है. अब कांग्रेस विधानसभा सत्र में सरकार को घेरने के लिए तथ्य तैयार कर रही है. 


इधर, एक्शन मोड में सरकार
नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले में राज्य सरकार भी एक्शन मोड में नजर आ रही है.  सीबीआई अधिकारियों के फंसने के बाद लगातार इस मामले में कार्रवाई हो रही है. नर्सिंग कॉलेजों के इंस्पेक्शन में गड़बड़ी को लेकर 14 अधिकारियों को नोटिस भेजा गया है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सख्ती के बाद नर्सिंग फर्जीवाड़े में लिप्त अफसरों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. 


66 कॉलेजों की मान्यता रद्द
CBI की जांच में अनफिट पाए गए 66 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई. अब सरकार ने उन 111 अफसरों को शो-कॉज नोटिस जारी किया, जिन्होंने मान्यता देने से पहले इन नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण किया था. नोटिस में नर्सिंग कॉलेजों की रिपोर्ट मानक स्तर की दिए जाने का कारण पूछा गया. मध्य प्रदेश के नर्सिंग घोटाले में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी है, लेकिन इस मामले में तब सब हैरान रह गए थे, जब खुद सीबीआई के अधिकारियों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था. क्योंकि नर्सिंग कॉलेजों को जांच के दौरान क्लीन चिट देने को लेकर सीबीआई अधिकारियों ने रिश्वत ली थी.